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राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र के उपनाम

दोस्तों आज हम इस पोस्ट में राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र के उपनाम के बारे में जानेंगे। यहां आपको राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र के उपनाम की लिस्ट दी गई है। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है।

गिरवा – 
‣ उदयपुर जिले के चारों और तश्तरीनुमा आकृति वाले पहाड़ों की श्रृंखला को स्थानीय भाषा में ‘ गिरवा ‘ कहते है।

भाकर – 
‣ पूर्वी सिरोही क्षेत्र में अरावली की तीव्र ढलान वाली व ऊबड़ – खाबड़ पहाड़ियां स्थानीय भाषा में भाकर के नाम से जानी जाती है।

भोराट/भोराठ का पठार – 
‣ उदयपुर के कुंभलगढ़ व गोगुन्दा के मध्य पठारी भाग के बीच स्थित है।
‣ इसकी औसत ऊंचाई 1225 मी. है तथा जरगा पर्वत यही स्थित है।

लासडिया का पठार – 
‣ उदयपुर में जयसमंद से आगे का कटा – फटा पठारी भाग।

मगरा – 
‣ उदयपुर का उत्तर पश्चिमी पर्वतीय भाग को मगरा कहते है।

देशहरो – 
‣ उदयपुर में जरगा व रागा ( सिरोही ) पहाड़ियों के बीच का क्षेत्र हमेशा हरा भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है।

त्रिकुट पहाड़ी – 
‣ इस पहाड़ी पर जैसलमेर का किला स्थित है।

ऊपरमाल – 
‣ चित्तौड़गढ़ के भैसरोडगढ़ से लेकर भीलवाड़ा के बिजोलिया तक के पठारी भाग को ऊपरमाल कहा जाता है।

छप्पन का मैदान – 
‣ बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ के मध्य का भू – भाग को छप्पन का मैदान कहा जाता है।
‣ इस भाग को माही नदी बनाती है।

कांठल – 
‣ प्रतापगढ़ के आस – पास क्षेत्र माही नदी के किनारे होने के कारण इसका नाम कांठल पड़ा।

राठ – 
‣ भरतपुर व अलवर का वह क्षेत्र जो हरियाणा की सीमा से लगता उसको राठ कहा जाता है।

मालाणी पर्वत श्रृंखला – 
‣ लूणी बेसिन का मध्यवर्ती घाटी भाग जो मुख्य रूप जालौर व बालोतरा के बीच स्थित है। इसको मालाणी पर्वत श्रृंखला के नाम से जाना जाता है।

लाठी सीरीज क्षेत्र – 
‣ जैसलमेर में पोखरण से मोहनगढ़ तक पाकिस्तानी सीमा के सहारे विस्तृत एक भू – गाभिर्य मीठे जल पट्टी।

कुबड़ पट्टी – 
‣ नागौर के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण शारीरिक विकृति ( कुब ) होने की सम्भावना हो जाती है।

मेसा पठार ( टोपीनुमा पठार ) –
‣ बेथोलिथ पत्थर का बेचड़ तथा गंभीर नदियों द्वारा अपरदित पठार।

भाखर
‣ सिरोही जिले की तेज ढाल वाली पहाड़ियां।

बेथोलिथ
‣ ज्वालामुखी की क्रिया द्वारा निर्मित आन्तरिक गुंबदाकार स्थल रूप को कहा जाता है।

नाकोड़ा पर्वत/ छप्पन की पहाड़ियां –
गोलाकर पहाड़ियों का समूह नाकोड़ा पर्वत उसको छप्पन की पहाड़ियां कहा जाता है।

खेराड़ –
‣ भीलवाड़ा जिले व टोंक जिले का वह क्षेत्र जो भू – भाग बनास बेसिन में स्थित है उसको खेराड़ कहा जाता है।

धरियन
‣ जैसलमेर के बालुका स्तूप युक्त क्षेत्र का भू – भाग जहां जनसंख्या न के बराबर होती है उसको धरियन कहा जाता है।

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