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पर्वतों के मध्य अवस्थित प्राकृतिक मार्ग को दर्रे के नाम से जाना जाता है। अरावली पर्वत में यही दर्रे नाल के नाम से जाने जाते हैं। दक्षिणी अरावली का सर्वाधिक विस्तार होने के कारण राज्य में सर्वाधिक दर्रे दक्षिणी अरावली के राजसमंद जिले में अवस्थित है।
अरावली मे सर्वाधिक नाल राजसमंद जिले मे हैं।
सोम मानसी और वाकल फुलवारी की नाल से बहती हैं।
देसूरी की नाल – मेवाड़ को मारवाड़ से जोड़ती है। पाली जिले के अंदर अवस्थित राज्य का सबसे लंबा दर्श सोमेश्वर की नाल – मेवाड़ को मारवाड़ से जोड़ती है। यह एक तंग दर्रा हैजो कि पाली जिले में अवस्थित है।
बर- अजमेर जिले में अवस्थित पाली से ब्यावर को मार्ग प्रदान करता है। ( अजमेर से पाली को मार्ग प्रदान करने के कारण कुछ स्थानों पर पाली जिला उल्लेखित ) सुरा घाट या शिवपुरी घाट अजमेर जिले में अवस्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 8 गुजरता है।
कामलीघाट – राजसमंद जिले में अवस्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 8 यहीं से गुजरता है।
वाकी नाल या पगल्या की नाल – राजसमंद व पाली के मध्य अवस्थित मारवाड़ से मेवाड़ जाने का मार्ग प्रदान करती है।
हाथी हाथी गुढा की नाल – राजसमंद जिले में अवस्थित है।
हाथी की नाल उदयपुर जिले में अवस्थित उदयपुर से ( पिंडवाड़ा ) सिरोही के मध्य मार्ग प्रदान करता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 27 इस मार्ग से गुजरता है।
देबारी की नाल – उदयपुर व चित्तौड़गढ़ के मध्य अवस्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 27 ( पूर्व पश्चिम कॉरिडोर ) इस मार्ग से गुजरता है।
फुलवारी की नाल – उदयपुर जिले में अवस्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 58 को मार्ग प्रदान करती है। केवड़ा – उदयपुर जिले में अवस्थित केवड़ा की नाल उदयपुर राजसमंद के मध्य मार्ग प्रदान करती है।
बैराग नाल – सिरोही के दक्षिणी भाग में अवस्थित माउंट आबू को उदयपुर से जोड़ने का कार्य करती है।
राजस्थान के प्रमुख दर्रे
पर्वतो के बीच नीचा एवं तंग रास्ता जो दो ओर के स्थानों को जोड़ता हो उसे दर्रा/नाल कहते हैं। यह निम्नलिखित हैं
1. ढ़ेभर नाल – उदयपुर
2. खमली घाट/ कमली घाट- राजसमन्द
3. फुलवारी की नाल- उदयपुर
4. हाथी नाल- उदयपुर
5. हाथी गुढा की नाल- राजसमंद
6. जीलवा/ चीरवा की नाल- राजसमन्द- पाली
7. केवड़ा की नाल- उदयपुर
8. गोरम घाट- राजसमन्द
9. देसूरी नाल- पाली
10. बर नाल- पाली( बर) – अजमेर( ब्यावर)
11. सूरा नाल- अजमेर