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उद्योग का संबंध उन आर्थिक गतिविधियों से हैं से है, जो कच्चे माल को पक्के माल के रूप में अथवा विक्रय योग्य अवस्था में लाती हैं
कृषि आधारित उद्योग –
- सूती वस्त्र उद्योग
- चीनी उद्योग
खनिज आधारित उद्योग –
- लौहा इस्पात
- कांच उद्योग
- एल्युमिनियम
- सीमेंट उद्योग
खनिज + तकनीक आधारित उद्योग –
- वायुयान निर्माण उद्योग
- रेलयान निर्माण उद्योग
- जलयान निर्माण उद्योग
- ओटोमोबाइल निर्माण उद्योग
- सॉफ्टवेयर निर्माण उद्योग
वन आधारित उद्योग
- रेशम उद्योग
- कागज उद्योग
भारत की उद्योग नीति –
- स्वतंत्रता के बाद भारत की पहली औद्योगिक नीति: 1948
- भारत की दूसरी औद्योगिक नीतिः- 1956
- भारत की आधुनिक और नई औद्योगिक नीति:-1991
- वैश्वीकरण (Globalization)
- उदारीकरण (Liberalization)
- निजीकरण (Privatisation
कृषि आधावित उद्योग –
सूती वस्त्र उद्योग :-
आधुनिक ढंग से सूती वस्त्र की पहली मिल की स्थापना 1818 ई. में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लोस्टर में की गई थी किंतु यह असफल रही थी सबसे पहला सफल आधुनिक सूती कपड़ा कारखाना 1854 में मुंबई में कवासजी डावर द्वारा खोला गया।
मुंबई को भारत के सूती वस्त्रों की राजधानी के उपनाम से जाना जाता है। कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है। कोयंबटूर को दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है। अहमदाबाद को भारत का बोस्टन कहा जाता है।
भारत में प्रथम सफल कारखाना – स्थापना 1854, मुम्बई ( महाराष्ट्र ) कवास जी डाबर द्वारा की गई।
- भारत में सर्वाधिक सूती वस्त्र उत्पादन – महाराष्ट्र, गुजरात
- भारत का मैनचेस्टर – अहमदाबाद , यहाँ सर्वाधिक सूती वस्त्र उत्पादन होता है।
- सर्वाधिक सूती वस्त्र मील – कोयम्बटूर
- सूती वस्त्र की राजधानी – मुम्बई
Note – पंजाब का मैनचेस्टर – लुधियाना है।
विश्व में सर्वाधिक सूती वस्त्र का उत्पादन – चीन, भारत में होता है।
चीनी उद्योग : –
भारत में आधुनिक चीनी उद्योग की शुरुआत 1903 में बिहार में पहली चीनी मिल की स्थापना के साथ हुई
- इसका सर्वाधिक विकास – ब्राजील, भारत
- गन्ने से चीनी – ब्राजील, भारत
- चुकन्दर से चीनी – जर्मनी, फ्रांस
- भारत में पहली चीनी मिल्स – मढ़ौरा (बिहार) स्थापित गई इसकी स्थापना 1922 में की गयी ।
- दुसरी चीनी मिल्स 1923, सारंगपुर (उत्तर प्रदेश )
- भारत में सर्वाधिक चीनी मिल्स – महाराष्ट्र (173), उत्तरप्रदेश (157 )
- सबसे बड़ी चीनी मिल्स व सर्वाधिक चीनी उत्पादक शहर – औरंगाबाद ( महाराष्ट्र)
- दुसरी सबसे बड़ी मिल्स – कानपुर
- विश्व में चीनी का कटोरा- क्यूबा देश
खनिज उद्योग : –
(A) सीमेंट उद्योग :
भारत में आधुनिक ढंग से सीमेंट बनाने का पहला कारखाना 1904 में मद्रास में लगाया गया था जो असफल रहा
मद्रास के कारखाने के बाद 1912-13 की अवधि में इंडियन सीमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर कारखाने की स्थापना की गई जिसमें 1914 से उत्पादन प्रारंभ हुआ
जिप्सम + चूना पत्थर + कोयला को 1600-1700℃ पर गर्म कर के फिर पीसकर सीमेंट बनाई जाती है।
सीमेन्ट के प्रकार –
(1) सामान्य सीमेन्ट
(ii) स्लप्न आधारित सिमेंट – रासायनिक उद्योग के अपशिष्ट से बनाई जाती है।
सबसे अधिक सिंदरी (झारखण्ड) में बनाई जाती है।
(iii) स्लैग आधारित सीमेंट – लौह से।
(vi) समुंद्री जीवों पर आधारित – सर्वाधिक – तमिलनाडु में ।
(v) सफेद सीमेन्ट
सामान्य सीमेन्ट –
- भारत का प्रथम सीमेन्ट कारखाना- 1904, मद्रास प्रोविडेन्सी असफल रहा।
- प्रथम सफल कारखाना – कटनी (मध्य प्रदेश ) 1907 में सफल रहा। खराऊ कंपनी द्वारा स्थापित ।
- दुसरा सफल कारखाना – पोरबन्दर (गुजरात) 1908 में स्थापित, 1910 में उत्पादन प्रारम्भ, इंडिया सीमेन्ट लिमिटेड द्वारा संचालित
- तीसरा सफल कारखाना – लाखेरी (बूंदी),1913 में स्थापित, 1915 में पुनः स्थापित & 1917 से उत्पादन प्रारंभ । क्लिक निक्सन कंपनी द्वारा। जिसे ACC कंपनी द्वारा अधिग्रहण कर लिया। ACC के चेयरमैन F. E. दिनशा 1936 में। एक्रेलिक सीमेन्ट कम्पनी।
- देश में सर्वाधिक सीमेन्ट उत्पादक राज्य – (1) राजस्थान, (2) आंध्र प्रदेश
- सीमेंट का सबसे बड़ा प्लांट – अंबुजा सीमेन्ट लिमिटेड हैं। देश का सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादन करने वाला स्थान- निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़)
- आंध्र प्रदेश – विशाखापटनम् में सीमेंट के दो बड़े कारखाने हैं।
(ⅰ) अंबुजा सीमेंट
(ii) कोरोमण्डल सीमेंट कारखाना
(ii) स्लज आधारित सीमेन्ट
- यह तकनीक हमने ब्रिटेन से ली है।
- स्लज आधारित सीमेन्ट का सबसे बड़ा कारखाना सिंदरी (झारखण्ड )
स्लैग आधारित सीमेन्ट :-
- लौहा – इस्पात से प्राप्त अपशिष्ट पदार्थों से सीमेन्ट बनाई जाती है।
- स्लैग आधारित सीमेन्ट का सबसे का सबसे का कारखाना – झींकपानी, चाईबासा (झारखण्ड)
समुंद्री जीवों पर आधारित :-
- सर्वाधिक उत्पादन – तमिलनाडु से ।
- समुद्री जीवों पर आधारित प्रथम सीमेन्ट कारखाना। पोरबन्दर (गुजरात) में।
- दुसरा सीमेन्ट कारखाना – द्वारका (गुजरात)
सफेद सीमेन्ट :-
- देश का सबसे बड़ा सफेद सीमेन्ट कारखाना – खारियाखंगार (जोधपुर)
- देश का प्रथम कारखाना – गोटन (नागौर)
- J&K द्वारा संचालित
- चंदेरिया (चित्तौड़) में – बिड़ला ग्रुप द्वारा संचालित
Note. सर्वाधिक सफेद सीमेन्ट का उत्पादन – राजस्थान में
एल्यूमिनियम उद्योग :-
भारत में एलुमिनियम का पहला कारखाना 1937 में पश्चिम बंगाल के निकट जे. के. नगर में स्थापित किया गया था
भारत के प्रमुख एल्युमिनियम कंपनी :-
- BALCO – कोरबा (MP.) एवं कोयना (MH.) – सोवियत संघ
- HINDALCO – रेणुकूट (UP) – USA
- NALCO – दामनजोड़ी (उड़ीसा) – फ्रांस
- Bharat Aluminium Company Ltd. (BALCO)
- National Aluminium Company Limited (NALCO)
- Hindustan Aluminum Corporation (HINDALCO)
- प्रथम कारखाना – 1937, आसन सोल। आजादी से पूर्व स्थापित।
- आजादी के बाद प्रथम कारखाना – रेणुकोट (U.P.) में (1958) ,हिंडाल्को कंपनी द्वारा संचालित। इसकि स्थापना द्वितीय पंचवर्षिय योजना के दौरान ।
- दुसरा कारखाना हीराकुण्ड (ओडिशा)
INDALCO (Indian Sluminium Company) द्वारा संचालित इसकी स्थापना द्वितीय पंचवर्षीय योजना के दौरान की गई।
मैद्दूर (तमिलनाडु)
- “मालको ” कम्पनी द्वारा संचालित ।
- ma Al Co – मद्रास एल्यूमिनियम कम्पनी ।
- तीसरी पंचवर्षीय योजना के तहत स्थापना।
बेलगाँव (कर्नाटक) में चौथी पंचवर्षीय योजना के दौरान स्थापित। भारत Al co द्वारा संचालित ।
Note – इंडाल्को द्वारा संचालित कारखाने –
(ⅰ) मुरी (झारखण्ड)
(ii) बैलूर
(iii) बेलगाँव (कर्नाटक)
(iv) अल्वाया (केरल) AI की चादर बनाई जाती है।
Na Al Co (नालको) द्वारा संचालित ऐल्यूमिनियम के कारखाने :-
दामन – जोड़ी कारखाना (ओड़िशा) –
- एल्यूमिनियम उत्पादन करने वाला सबसे बड़ा कारखाना ।
- बॉक्साइट की प्राप्ति पंच पत्तीमल्ली (ओडिशा) से होती है।
Note- Na Al Co – National Aluminium Company.
अंगुल कारखाना, धेन कनाल (उड़ीशा) –
झारसा गुढ़ा (झारखण्ड) -J&K कंपनी & वेदान्ता ग्रुप द्वारा संचालित ।
लौहा इस्पात उद्योग – लौहा उत्पादन में भारत का स्थान- चौथा
(ⅰ) प्रथम कारखाना – 1874, कुलटी (W.B.) असफल रहा। इसकी पुनः स्थापन 1889 की गयी – सफल रहा।
(ⅱ) हीरापुर कारखाना – 1908 (W.B.) सफल रहा।
(iii) बर्नपुर कारखाना – 1918 (W.B.) सफल रहा।
Note- तीनों कारखानों का एकिकरण 1936 में जिसका संचा – स्टील कॉरपोरेशन ऑफ बंगाल द्वारा ।
इसका नाम परिवर्तन :- IISCO (Indian Iron steal Company)
नीजी क्षेप्त का प्रथम कारखाना :-
- साकची गाँव (झारखण्ड) स्वर्ण नदी के तट पर स्थापित (1907).
- संचालन – राटा कंपनी द्वारा जिसका वर्तमान नाम – टाटा आयन स्टील कम्पनी (TISCO)
- Note- साकची गाँव को वर्तमान में जमशेदपुर के नाम से जाना जाता है जिसे भारत का पिट्सबर्ग कहते हैं।स्थापना – जमशेद जी रारा द्वारा।
- लौहा की प्राप्ति – “नोआ मुण्डी” (सिंह भूमि) से। ↳ कोयले की प्राप्ति- झरिया (झारखण्ड) से ।
- विद्युत प्राप्ति – दामोदर घाटी नदी परियोजना (दुर्गापुरा बाँध)
सिमोगो (कर्नाटक) :-
- 1923 में भद्रावती नामक स्थान पर स्थापना- मैसूर आयरन स्टील कंपनी CMISCO) 1978 में MISCO का नाम विश्वसरैया के नाम पर – विश्वसरैया आयरन स्टील कंपनी (VISCO) कर दिया गया।
- लौहा प्राप्ति (ⅰ) वल्लारी – हॉस्फेट (कर्नाटक)
- विद्युत प्राप्ति तुंगभद्रा नदी घाटी परियोजना ।
- आजादी के बाद दुसरी पंचवर्षीय योजना के तहत तीन लौटा इस्पात कारखाने स्थापित किए गए।
① दुर्गापुरा (प. बंगाल) –
ब्रिटेन की सहायता से
② राऊरकेला (उड़िशा) –
जर्मनी की “कुप डेमाग ” कंपनी द्वारा ।
③ भिलाई (छत्तीसगढ़)
सोवियत संघ रूस की सहायता से।
तीसरी पंचवर्षीय योजना के दौरान स्थापित लौहा इस्पात उद्योग :-
- वोखारो (झारखण्ड)।
- प्रस्ताव – तीसरी पंचवर्षीय योजना में।
- स्थापना – चौथी पंचवर्षीय योजना में।
- एशिया का सबसे बड़ा लौश इस्पात उद्योग ।
- संचालन – SAIL (Steal authority of India Limited)
भारत में रंगीन स्टील बनाने का एकमात्र कारखाना – सलेम (तमिलनाडु)
- SAIL -प्रस्ताव – 1973 में
- कार्यरत – 1974 से
- मुख्यालय – नई दिल्ली
- प्रारंभिक नाम – हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड ।
संचालित कारखाने :-
- भिलाई (छत्तिसगढ़)
- दुर्गापुरा (W.B.)
- बोकारो (झारखण्ड)
- राऊरकेला (उड़ीसा)
- हीरापुरा (W.B.)
- सलेम (Tamil Nadu)
- बर्नपुर (W.B.)
- कुल्टी (W.B.)
SAIL के वर्तमान चेयरमैन :- अनिल कुमार चौधरी
Note- बोकारो संयप्त की स्थापना – रूस के सहयोग से ।
नीजी क्षेत्र के लौटा इस्पात उद्योग :
(1) रायगढ़ (MH):-जिंदल कंपनी द्वारा संचालित ।
(2) डोल्वी (MH):- दक्षिणी कोरिया की Posco (पोहान स्टील ) द्वारा संचालित ।
गोपालपुरा उड़ीसा में भी स्थापित किया ।
Note- जिंदल का कारखाना रायगढ़ थ डोल्वी में स्थापित है।
कांच उद्योग :-
- सिलिका से बनता है।
सर्वाधिक – (1.) U.P. फिरोजपुर ( बहजोई – यहाँ कांच की चादरें बनती है। ) - [2] महाराष्ट्र में:-(ⅰ) सांगली (iⅱ) काम्पटी – लैम्प और बीकर बनते हैं।
- राजस्थान में कांच उद्योग – (सार्वजनिक)
- (1) धौलपुर ग्लास फैक्ट्री (धोलपुर) -दर्पण बनाए जाते हैं।
- (2.) सेमकोर ग्लास फैक्ट्री (कोरा) – USA & द. कोरिया द्वारा संचालित । वर्तमान में बंद है। पिक्चर्स ट्यूब के लिए प्रसिद्ध ।
- (3) द. हाइटेक प्रिसिजन फैक्ट्री (धौलपुर) -शराब की बोतलें बनती है। दक्षिण गंगानगर शुगर मिल्स द्वारा संचालित है।
निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा संचालित – राजस्थान में ।
1. भिंवाडी (अलवर) – कहरानी गाँव
सेन्ट गोबेन ग्लास फैक्ट्री”।
फ्रांस की बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा संचालित ।
काँच की चादरें बनाई जाती है
(2) बोरानाडा (जोधपुर):-
रिवोन ग्लास फैक्ट्री।
फांस के सहयोग से।
चश्मे बनाये जाते हैं।
Note:-खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्ती या सहकारिता मंत्री- रमेश मीणा
Note :- वर्तमान में सहकारिता मंत्री का स्वतंत्प्त प्रभार – उदयलाल अंजना को ।
वन आधारित उद्योग :-
(A.) दियासलाई उद्योग
(B.) कागज उद्योग
(C.) रेशम वस्त उद्योग
(D) लाख (लाह) उद्योग
(A) दियासलाई उद्योग :-
प्रथम कारखाना- 1922 में अहमदाबाद सफलता मिली।
दियासलाई निर्माण में उपयोगी सामग्री –
- सेमल वृक्ष
- सुन्दरी वृक्ष
- केवडा वृक्ष
- सलाई वृक्ष
दुसरा कारखाना – कलकत्ता (WB)
हल सर्वाधिक दियासलाई उद्योग का विकास
- रामनाथपुरम अमुदुरै (T.N.)
- अल्वाया (केरल)
- आसनसोल (W.B.).
लाल फास्फोरस – USA & ईरान से मंगाते हैं।
कागज उद्योग
- सर्वाधिक विकास – चीन
- विश्व में कागज का शहर – ” मांट्रियल” (कनाडा)
सर्वाधिक कागज निर्माण –
(ⅰ) बांस – (70%)
(ⅱ) सवाई घास (15%)
- सर्वाधिक कर्नाटक में मिलती है।
- सबसे बड़ी कागज इकाईयाँ
(ⅰ) टीटागढ़ पेपर मिल्स (W.B.)
(ii) बल्लार पुर (MH.)
भारत में कागज का सर्वाधिक विकास-
(1) West Bengal
(ii) Marashtra.
(ii) Madhya Pradesh.
पहला कागज उद्योग का कारखाना:- 41816-तेजापुर (T. N.) – असफल रहा।
कर्नाटक में कागज विकास ( मैसूर )
(1) बैंगलोर
(ii) तुमकुर
नेपानगर (m.)
- अखबारी कागज बनाने के लिए प्रसिद्ध ।
- कागज के नोट की छपाई नासिक (महाराष्ट्र)
- कागज के नोट – होशंगाबाद (M-P.) में बनते हैं।
- नोट की स्थाही – देवास (MA) में बनती है।
- स्टाम्प पेपर बनाने का कारखाना – हैदराबाद (तेलंगाना)
रेशम उद्योग
अन्तीम उत्पादक देश – चीन जापान भारत
भारत में रेशम के प्रकार (4)
- शहतुत रेशम
- मूंगा रेशम
- कृप्रिम रेशम
- अरण्डी रेशम
शहतुती रेशम :-
- कीट – सिल्क वॉर्म या बॉम्बॉक्स मौरी ।
- लावी- कोकुन ।
मूंगा रेशम :-
- कीट – मूंगा (बबूल, शहतुत खेजड़ी पर पाला जाता है।)
- विश्व में भारत का प्रथम स्थान ।
- कृत्रिम रेशम :-
- अर्जुन के वृक्ष से रेशम बनाया जाता है।
- अर्जुन का पृक्ष भारत में चीन से लाया गया।
- राजस्थान में अर्जुन का वृक्ष – हुंगरपुर ६ बांसवाडा।
अरण्डी रेशम :-
- रेशम के कीट को अरण्डी के वृक्ष पर पाला जाता है।
- भारत में सर्वाधिक रेशम उत्पादक राज्य
- कर्नाटक (50%) -मैसूर, कोलार, तुमकुर, उण्डोली
- पश्चिम बंगाल – मुर्शिदाबाद, बाँकुड़ा, आसन सोल
(C) लाख उद्द्योग
- कीड़ा लाह । लैसीकैरी लक्का।
- सर्वाधिक उत्पादन- छोटानागपुर पगर (झारखण्ड)
- लाह अनुसंधान केन्द्र – नामकुम, राँची (झारखण्ड)
- राज. में सर्वाधिक उत्पादन- स० माधोपुर ।
- खनिज एवं तकनीक उद्योग
1. जलयान
2.वायुयान
3. रेलयान
4.ओटोमोबाइल
(A) जलयान :-
- भारत का प्रथम जलयान उद्योग :-
- 1941, विशाखापट्टनम (A.P.)
- संचालन – सिंधिया स्टीम नेवीशनन लिं० ने जिसका आजादी के बाद 1952 में राष्ट्रीयकर कर दिया गया।
- जिसका वर्तमान नाम – हिन्दुस्तान शिपयार्ड लि. है। ७ प्रथम जलयान- जल ऊषा जलयान
(ii) कोच्चि शिपयार्ड लिः – Keral.
- भारत का सबसे बड़ा जलयान केन्द्र
- “विक्रांत” जैसे खतरनाक जलयान का निर्माण यहीं पर हुआ।
- मझगांव डॉक शिपयार्ड लिमिटेड (महाराष्ट्र ):-
- फ्रांस की सहायता से परमाणु हमला करने वाली पनडुब्बी बनाई है।
Note- विश्व में सर्वाधिक जलयान विकास – जापान
- हल्दीया शिपयार्ड लिग (प. बंगाल):-
- क्रूज, याट, स्टीमर बनाया जाता है।
- 4 उपनाम – गॉर्डन रिच वर्कशॉप
- मार्मगोआ शिपयार्ड लिमिटेड (गोवा)
- “वास्कोडिगामा’ नामक स्थान पर
[B.] वायुयान उद्योग :-
सर्वाधिक विकास- (1.) U.S.A.
(2.) फ्रांस (दुलुज / तुलुज)
[1] हिन्दुस्तान एथर नॉटिकल्स लिमिटेड:- 41940, बेंगलुरू (कर्नाटक)
- भारत का पहला ६ एकमाप्त वायुयान उद्योग ।
- असेम्बलिंग का कार्य किया जाता है।
- तेजस (फाइटर प्लान), चेतक ६ चीता (Heli) यहीं बनाए गए हैं। यहीं पर LCAC Light Gmbat Sircraft) हैलीकॉप्टर बनाया गया है।
सॉफ्टवेयर उद्योग
- भारत का सॉफ्टवेयर उत्पादन में प्रथम स्थान है।
- विश्व में सॉफ्टवेयर का सर्वाधिक विकास, ↳ सैनफ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया (U.S.A)
- विश्व की सिलिकॉन वैली।
- भारत में सॉफ्टवेयर का सर्वाधिक विकास- ५ बैंगलूरू (कर्नाटक) ↳ इसे भारत की सिलिकॉन वैली कहते हैं।
- ओटोमोबाइल कंपनी (भारत की)
1. TCS (टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज लिमिटेड)
2. इन्फोसियस
3. विप्रो।
अन्य HMT कारखाने :-
(ⅰ) श्रीनगर (J&K)
(ii) अजमेर – चेकोस्लोवाकिया की सहायता से।
अब पूरी तरह से बंद ।
(iii) इंडियन टेलिफोन इंडस्ट्रीज – 1950, इलाहबाद (U.P.)
(iv) भारत का पहला ओटोमोबाइल उद्द्योग
चेन्नई (TON) (1939).
अन्य ओटोमोबाइल उद्योग
① गुरुग्राम (H.R.)
सर्वाधिक ओटोमोबाइल का विकास हुआ।
② भिंवाडी (अलवर)
राजस्थान का “डेट्रायट “कहते हैं।
③ पीथमपुर (m.p.)
भारत का डेट्रायट कहते हैं।
Note- डेट्राइट – USA. का शहर जहाँ सर्वाधिक ओटोमोबाइल का निर्माण होता है।
(vii) रेल कोच फैक्ट्री :- कपूरथला (पंजाब)
साधारण ६ सवारी याली डिब्बे बनाए जाते हैं।
(vili) मधेपुरा (बिहार):- रेल इंजन बनाए जाते हैं।
( ix) सिमको (CIMMCO) भरतपुर (राज.)
स्थापना – 1957.
CIMMCO-CENTRAL INFRASTRUCTURE MANUFACTURING MANAGEMENT COMPANY.
टीटागढ़ बैंगन फैक्ट्री द्वारा संचालित । 2000 में बंद ,2008 में पुनः प्रारम्भ
Note.- (ⅰ) भारी इंजीनियरिंग उद्योग :- रांची (झारखण्ड)
1958 में प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत स्थापित ।
(2.) HMT (हिन्दुस्तान मशीनरी टूल्स) :- पहलो कारखाना – 1953, बैंगलूरू
आजादी के चाद भारत का प्रथम वायुयान उद्योग- 1950, चितरंजन दास लोको मेटिक वर्क्स, चितरंजन (W.B.) में स्थापित।
इलेक्ट्रिक इंजन बनाए जाते हैं।
1 टीटरागढ़, वैगन लिमिटेड, टीटागढ़ (W.B.) – 1998 में। 4 भारत का
का सबसे बड़ा रेलयान उद्योग। 4 मालगाड़ी के डिब्बे बनाए जाते हैं।
Note-वैगन :- रेलयान के डिल्यों को कहते हैं।
(iv) जमालपुर रेलयान उद्योग (विहार)
4 राजस्थान के रेलयान उद्योग के साथ विकास किया गया।
(४) इंट्रीगल कॉच फैक्ट्री पैराम्बूर (T.N.)
4 स्वीट्जरलैण्ड के सहयोग से 1955 में स्थापित । 4AC काँच बनाए जाते हैं।
(vi) डीजल लोकोमेटिव वर्क्स, वाराणसी (७.९.) स्थान – “मडवाहडीए” 1961 में स्थापित । U-SA. की एल्को कम्पनी की सहायता से । डीजल इंजन बनाए जाते हैं।
[23 कानपुर (USL)
4 डोर्नियर नामक लड़ाकू विमान जो जर्मनी की सहायता से नौ सैना के लिए बनाया गया था।
(3) कोरापुरा (उड़िसा):-
हल्के लड़ाकू इंजन बनाए जाते हैं।
3 पुना (महाराष्ट्र):-
4 स्ट्रिप्स – बनाए जाते हैं।
रेलयान उद्योग :-
4 सर्वप्रथम विकास – ब्रिटेन
①अजमेर (राजः)
भारत का पहला रेलयान उद्योग।
नाम- राजपूताना इंट्रीगल कोच फैक्ट्री।
स्थापना – 1895 में।
राज का पहला रेल इंजन यहीं बना।
Note- भारत का पहला रेल इंजन – फेयरीक्वीन 1855 ई० में बनाया गया जिसकी असेंबलींग मुम्बई में की गई। में इंग्लैण्ड
उद्योगः व्यक्ति अपनी आजीविका को चलाने के लिए जो आर्थिक क्रिया करता है वो उद्योग कहलाते हैं।
माइक्रो, स्मॉल & मिडियम एन्टरप्राइजेज डेवलपमेन्ट एक्ट- 2018.
टर्न ऑवर के आधार पर…
माइक्रो उद्योग रु. 5 करोड़ से कम । 127 स्मॉल उद्योग क. 5 से 75 करोड़ तक।
[3] मिडियम उद्योग 21 75 से 250 करोड़ तक।
[4.] वृहत उद्योग रु. 250 करोड़ से अधिक
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :-
14 केन्द्रीय टार अनुसंधान केन्द्र रांची (झारखण्ड)
बकरी के बाल की ऊन- पशमीना।
खरगोश के बाल की ऊन- अंगोरा ।
पटसन राष्ट्रीय नीति- 2005. उद्द्देश्य – पटसन को बढ़ावा ।
भारतीय जूर/पटसन निगम – कोलकत्ता (1971) 4 अंतराष्ट्रीय जूट संगठन – ढाका (बांग्लादेश [1984])
FCI – Fartilizers Corporation Limited [1961]
IFFCO-Indian farmer’s fertilizers Limt. [1967]
HFL Hindustan fartilizers limt. [1978]
NFL- National fertilizers limt. [19797
KRIBHCO-Kribhak Bhartiya Corporation Limt. [1980]
CIPET-Centeral Institute of Plastic Inzuring Technology Chennai [19687. ७ यह पेट्रो रसायन को प्रशिक्षण देने का कार्य करता है।
होटानागपुर वृहद औद्योगिक प्रदेश की मुख्य समस्था- समय पर च पर्याप्त माप्ता में कच्चे माल व विद्युत की आपूर्ति न होना।
भण्डारा जिला प्रसिद्ध – रसायन इजीनियरिंग एवं एल्यूमिनियम उद्योग
पाण्डे तथा वाँचू समिति सम्बन्धित है – औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेप्तों की पहचान से ।
औद्योगिक रूप से सर्वाधिक पिछड़े जिलों वाला क्षेत्र- पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी राजस्थान
लौहा इस्पात उद्योग को नियंत्रण मुक्त कर नीजी क्षेत्र को निवेश की पूर्ण छूट – 1992 में ।
राष्ट्रीय इस्पात नीति, 2017.
भारत सरकार द्वारा इसे 3 may 2017 को किया गया।
प्रौद्योगिकी उन्नयन कोष योजना- 1999 में ।
भारत का वह क्षेप्त जो कुटिर उद्योग रूप में विकसित है विशेष रूप से 4 गुजरात, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान ।
पूर्व का वोस्टन – अहमदाबाद सूती केन्द्र
स्पंज आयरन के उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान – भारत
संयत जो दोषपूर्ण अवस्थिति के कारण लाभान्वित नहीं हो सका IISCO
समेकित कौशल विकास योजना- 5- Bug-2010. (
विश्व में रेशम का सर्वप्रथम प्रचलन – वीन
UNO द्वारा घोषित प्राविधिक नवाचारों का ग्लोबीय केन्द्र – बंगलूरू
ऊन उत्पादक अग्रणी राज्य- राजस्थान ।
भदोही, मिर्जापुर, गोपीगंज – कालीन निर्माण कुटीर उद्योग के लिए प्रसिद्ध ।
प्लास्टिक उद्योग के कच्चे माल प्राप्त होते हैं- तेलशोधन शालाओं से ।
World Trade Statistical Review – 2021 के अनुसार वैश्विक कपड़ा निर्यात के संदर्भ में वर्ष 2020 में चीन शीर्ष स्थान पर बना हुआ है जबकि
भारत 5 वें स्थान पर है