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अर्थशास्त्र एवं अर्थव्यवस्था
अर्थशास्त्र (Economics) – धन का शास्त्र एडम स्मिथ – अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है जनक
अर्थव्यवस्था (Economy)- किसी देश की समस्त आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन
- अर्थशास्त्र एक विषय वस्तु है जो दुर्लभ संसाधनों के विवेकशील प्रयोग पर इस प्रकार केंद्रित है कि जिससे हमारा अधिकतम कल्याण हो।
- अर्थशास्त्र के अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय एवं उपभोग का अध्ययन किया जाता है।
- प्राचीन भारत में चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री चाणक्य ने अर्थशास्त्र नामक पुस्तक की रचना की। किन्तु इस पुस्तक का विषयवस्तु राजनीतिक है।
- महान दार्शनिक अरस्तू ने अपने ग्रंथ economica में अर्थशास्त्र को परिभाषित किया है।
- एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का जनक कहा जाता है।
- एडम स्मिथ ने अपनी पुस्तक (‘An Enquiry in to the Nature and Causes of the Wealth of Nations 1776) में अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान कहा है।
- एडम स्मिथ को पूँजीवादी अर्थव्यवस्था का भी जनक कहा जाता है।
- साम्यवादी अर्थव्यवस्था का जनक कार्ल माक्स को कहा जाता है।
- एल्फ्रेड मार्शल ने अपनी पुस्तक “Principle of Economics” (1890) में अर्थशास्त्र की कल्याण सम्बन्धी परिभाषा दिया।
- प्रसिद्ध अर्थशास्त्री सैम्यूल्सन ने अर्थशास्त्र को विज्ञान का शास्त्र कहा है।
- रॉबिन्स के अनुसार अर्थशास्त्र वह विज्ञान है जो मानव व्यवहार का अंत और वैकल्पिक उपयोग वाले में दुर्लभ साधनों के बीच संबंध के रूप में अध्ययन करता है।
- वॉकर के अनुसार, “अर्थशास्त्र ज्ञान का वह संग्रह है जो धन से संबंधित है”
- प्रोफेसर मार्शल के अनुसार, “धन मनुष्य के लिए है न की धन मनुष्य के लिए अर्थात धन साध्य नहीं है वरन साधन मात्र है”
मानव द्वारा की गई क्रियाएं 2 प्रकार की होती हैं – आर्थिक एवं गैर-आर्थिक क्रियाएं।
- ऐसी क्रियाएं जिनसे व्यक्ति धन एवं सम्पत्ति प्राप्त कर अपनी इच्छाओं की पर्ति करता है अर्थात् धन उपार्जन के उद्देश्य से की गई सभी क्रियाएं आर्थिक क्रियाएं कहलाती है।
- अर्थशास्त्र में मानव की आर्थिक क्रियाओं को निम्नलिखित भागों में बाटा गया है – उत्पादन, उपभोग, निवेश्न, विनिमय, वितरण।
- ऐसी क्रियाएं जो धन उपार्जन के उद्देश्य से नहीं की जाती है। गैर आर्थिक क्रियाएं कहलाती है।
अर्थव्यवस्था की शाखा (Branches of Economy)
- व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economy) – इसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाई का अध्ययन किया जाता है जैसे- विशेष व्यक्ति, परिवार, फर्म, कम्पनी आदि।
केवल एक आर्थिक इकाई की आर्थिक क्रियाओं का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र कहलाता है। - समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economy) – इसमें किसी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय या अन्तराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था ला अध्ययन किया जाता है
अर्थशास्त्र के कुल उपभोग, रोजगार एवं राष्ट्रीय आय जैसी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र कहलाता है।
- आर्थिक विकास की दृष्टि से अर्थव्यवस्था को 3 भागों में बांटा गया है विकसित अर्थव्यवस्था, अल्पविकसित अर्थव्यवस्था एवं विकासशील अर्थव्यवस्था ।
- ऐसे देश जिनमें प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, लोगों का जीवन स्तर उच्च होता है, विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश कहलाते हैं। जैसे अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस एवं ब्रिटेन आदि
- विकसित अर्थव्यवस्था में तीनों संसाधन (प्राकृतिक, मानवीय एवं भौतिक) पर्याप्त मात्ना में उपलब्ध होते है तथा उनका अनुकूलतम् उपयोग किया जाता है।
- ऐसे देश जिनमें लोगों का जीवन स्तर, उत्पादन स्तर, तथा प्रति बाले देस कहलाते हैं। युगांडा, बुरुंडी, नामीबिया आदि। पर पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होत उनका उपयोग नग मानवीय एवं भौतिक)
- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था में तीनों संसाधन (प्राकृतिक, मान पर्याप्त मात्ना में उपलब्ध होते हैं परन्तु उनका अनुकूलतम् उपयोग नही होता है।
- ऐसे देश जिसमें अल्पविकसित अर्थव्यवस्था की विशेषताएं पाई जाती है, किन्तु इनमें विकसित होने की अपार संभावनाएं भी मैजूद होती है, विकासशील
- अर्थव्यवस्था वाले देश कहलाते हैं। जैसे भारत, चीन, ब्राजील आदि।
अर्थव्यवस्था के प्रकार
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist economy) या उदारवादी अर्थव्यवस्था (Liberal Economy)-
- ऐसी अर्थव्यवस्था जिनमें उत्पादन के भौतिक साधनों का एक बड़ा हिस्सा निजी व्यक्तियों के हाथ में रहता है, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कहलाती है।
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तु, उत्पादन की मात्रा और वस्तु के मूल्य का निर्धारण बाजार करता है। काइन । नियम बनाने का काल
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था को अनियोजित अर्थव्यवस्था भी कहते हैं।
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का जनक एडम स्मिथ को माना जाता है।
- उत्पादन के कारकों या संसाधनों पर निजी क्षेत्र का नियंत्रण रहता है
- सरकार की कोई भूमिका नहीं
- एडम स्मिथ की किताब द वेल्थ ऑफ नेशंश को पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का
- स्रोत माना जाता है यह व्यवस्था एडम स्मिथ द्वारा प्रतिपादित अहस्तक्षेप सिद्धांत पर कार्य करती है
- उदाहरण- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस
समाजवादी अर्थव्यवस्था
- समस्त आर्थिक गतिविधियों पर सरकार का नियंत्रण।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था को नियोजित अर्थव्यवस्था भी कहते हैं।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सामूहिक होता है।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था की अवधारणा का प्रतिपादन जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ने किया था।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था का सिद्धांत कार्ल मार्क्स ने दिया।
उदाहरण – चीन, क्यूबा
मिश्रित अर्थव्यवस्था
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र दोनों की विशेषताएं पाई जाती है। सरकार मिश्रित अर्थव्यवस्था की अवधारणा का प्रतिपादन जॉन मेनार्ड कींस ने किया था।
- भारत में नियोजित अर्थव्यवस्वा मिश्रित अर्थव्यवस्था पर आधारित है।
- भारतीय अर्थव्यवस्ता में संयुक्त क्षेत्र का अभिप्राय किसी उद्यम में सरकारी एवं निजी दोनों क्षेत्रों का सम्मिलित स्वामित्व होना है।
- आर्थिक नियोजन समवर्ती सूची का विषय है।
- बाजार प्रधान नियोजित मिश्रित व्यवस्था भारत मे वर्ष 1991 में लागू हुई। इसे उदारवादी व्यवस्था के नाम से जाना जाता है।
- भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का अग्रदूत डॉ. मनमोहन सिह को माना जाता है।
- केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को 3 क्षेत्रों में विभाजित किया गया है प्राथमिक, द्वितीयक एवं ततीयक क्षेत्र
- ऐसी उत्पादन इकाइयाँ जो प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से प्राप्त होती है, प्राथमिक क्षेत्र कहलाता है। जैसे – कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वन उद्योग, खनन आदि।
- ऐसी उत्पादन इकाइयाँ जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी गतिविधियों में कच्चे माल के रूप में उपयोग करता है, द्वितीयक क्षेत्र कहलाता है। जैसे – उद्योग, पंजीकृत निर्माण, गैर-पंजीकृत निर्माण, बिजली उत्पादन, जल आपूर्ति आदि
- ऐसी इकाइयाँ जो सेवाएं प्रदान करती है, इसीलिए इन्हें सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है, तृतीयक क्षेत्र कहलाते है। जैसे परिवहन एवं संचार, व्यापार, होटल, जलपान गृह, बैंक, बीमा, शिक्षा, चिकित्सा, पर्यटन, वित्त आदि।
- क्रय शक्ति समता के आधार पर भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व में तीसरे स्थान पर है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
- ऐसी अर्थव्यवस्थाएं जिनमें उदारवादी तथा निजी आर्थिक तत्वों के प्रभाव रहते हैं तथा आयात-निर्यात पर न्यूनतम प्रतिबन्ध रहते हैं, उन्हें खुली अर्थव्यवस्था कहते हैं। जैसे – हांगकांग, सिगापुर आदि।