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मुख्यमंत्री – दोस्तों आज हम इस पोस्ट में मुख्यमंत्री के बारे में चर्चा करेंगे। इसमें हम मुख्यमंत्री के कार्य तथा मुख्यमंत्री से सम्बन्धित आर्टिकल के बारे में जानेंगे। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है तो आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है।
‣ मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार की भाँति ही राज्य की कार्यपालिका का वास्तविक एवं कार्यकारी प्रमुख होता है।
‣ यह मंत्रीपरिषद् का मुख्या होता है।
‣ राज्य में मुख्यमंत्री की स्थिति केन्द्र में प्रधानमंत्री की स्थिति के समान ही राज्य में प्रथम होती है।
‣ यह मंत्रिपरिषद और राज्यपाल के बीच की कड़ी का कार्य करत है।
मुख्यमंत्री की नियुक्ति –
‣ अनुच्छेद 164 के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाता है।
‣ राज्यपाल विधानसभा के बहुमत दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त करता है।
शपथ –
‣ मुख्यमंत्री नियुक्त होने के बाद उसे राज्यपाल संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार पद की गोपनीयता की शपथ ग्रहण करता है अन्य मंत्रियों को भी राज्यपाल ही पद की एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है।
योग्यता –
‣ भारता का नागरिक हो 25 वर्ष आयु पूरी कर चुका हो
‣ विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य हो
मुख्यमंत्री का कार्यकाल –
‣ मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बने रहते है।
‣ मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 वर्ष तक होता है। परन्तु सामान्यतः यह विधान सभा में बहुमत सदस्यों का विश्वास प्राप्त रहने तक अपने पद पर रहते है।
‣ यदि विधानसभा सरकार या फिर किसी अन्य मंत्री के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाए तो मुख्यमंत्री सहित सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।
नोट –CM के त्यागपत्र देने पर या उनकी मृत्यु होने पर राज्य मंत्रीपरिषद स्वतः भंग हो जाती है।
त्यागपत्र –
‣ मुख्यमंत्री कभी भी राज्यपाल को संबोधित कर लिखित व स्वयं द्वारा हस्ताक्षरित अपना त्यागपत्र दे सकता है।
मुख्यमंत्री की शक्तियां एवं कार्य –
‣ मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध में
‣ राज्यपाल के सम्बन्ध में
‣ विधानमंडल के सम्बन्ध में
अन्य शक्तियां
मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध में –
‣ मुख्यमंत्री ही मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है।
‣ अर्थात मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्रिके निर्णय एक ही होते है।
‣ राज्यपाल उन्हीं लोगों को मंत्री नियुक्ति करता है, जिनकी संस्तुति मुख्यमंत्री ने की हो
‣ मुख्यमंत्री ही विभागों का वितरण व फेरबदल करता है।
‣ किसी मंत्री को पद से हटाना – मतभेद होने पर मुख्यमंत्री किसी भी मंत्री से त्यागपत्र देने के लिए कह सकता है। या राज्यपाल को उसे बर्खास्त करने का परामर्श दे सकता है।
‣ मंत्री तभी तक पद पर बने रह सकते है जब तक मुख्यमंत्री चाहे।
‣ मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद और मंत्रिमंडल की बैठकों की की अध्यक्षता करता है।
‣ मुख्यमंत्रिही सभी मंत्रियों को उनके कार्यों में सहयोग निर्देश और मार्गदर्शन देता है और उनके कार्यों का नियंत्रण भी करता है।
राज्यपाल के सम्बन्ध –
‣ अनुच्छेद 167 के अनुसार राज्यपाल व मंत्रिपरिषद के मध्य कड़ी का कार्य करता है।
‣ अनुच्छेद 167 के अनुसार मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य है की वह राज्य के प्रशासन और विधान सम्बन्धी जानकारी राज्यपाल को दे।
‣ मुख्यमंत्री राज्यपाल से सीधे सम्पर्क स्थापित कर सकता है।
‣ अनुच्छेद 163 के अनुसार केवल उन कार्यों को छोड़कर , जिनके सम्बन्ध में राज्यपाल अपने विवेक के कार्य करता है, अन्य सभी कार्यों में राज्यपाल परामर्श देना मुख्यमंत्री का अधिकार व कर्तव्य है।
‣ मुख्यमंत्री ही राज्य के महत्वपूर्ण अधिकारियों जैसे – राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, महाधिवक्ता और उनके सदस्यों, राज्य निर्वाचन आयुक्त आदि की नियुक्ति करते है।
विधानमंडल के सम्बन्ध में –
‣ मुख्यमंत्री राज्यपाल को किसी भी समय विधानसभा भंग करने के लिए सिफारिश कर सकते है।
‣ मुख्यमंत्री विधानसभा पर सरकारी नीतियों की घोषणा करता है।
‣ मुख्यमंत्री विधानसभा का नेता होता है।
अन्य शक्तियां –
‣ मुख्यमंत्री राज्य योजना बोर्ड का अध्यक्ष होता है।
‣ मुख्यमंत्री अंतर्राजीय परिषद, राष्ट्रीय विकास परिषद और नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल का सदस्य होता है।
‣ राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर मुख्यमंत्री मुख्य प्रबंधक होता है।
‣ मुख्यमंत्री राज्य सरकार का मुख्य प्रबंधक होता है।