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निश्चयवाद क्या है pdf | Nishchayavad Kya Hai

निश्चयवाद क्या है ? (What is determinism?)

उत्तर – निश्चयवाद, पर्यावरणीय निश्चयवाद या नियतिवाद एक पुरानी विचारधारा है। इसके अनुसार विकास की प्रारंभिक अवस्था में मानव प्राकृतिक वातावरण से अधिक प्रभावित हआ और उन्होंने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आपको ढाल लिया। इसका कारण यह है कि मानव के सामाजिक विकास की अवस्था आदिम थी और प्रौ‌द्योगिकी का स्तर अत्यन्त निम्न था। उस अवस्था में मानव प्रकृति को सुनता था, उसकी प्रचंडता से भयभीत होता था और उसकी पजा करता था। इसमें मनुष्य का स्थान गौण था। भूगोल की नव निश्चयवाद विचारधारा ग्रिफिथ टेलर ने प्रस्तुत किया ।

निस्वयबाद | पर्यावरणवादी निश्चयबाद

  • मानव क्रियाओं की दशाओं को पर्यावरण नियन्त्रित करता है.
  • निश्चमवादी विचारक मानव को एक निष्क्रिय अभिकर्ता (Agent) मानते है-
  • अरस्तु शीत प्रदेश लोग साहसी वीर होते है-परन्तु अमेधावी, राजनीतिक संगठन में अकुशल और अपने पड़ोसी राष्ट्रो पर शासन कर सकने में पिछडे. हुए अरस्तु अनुसार उष्ण प्रदेशो के निवासी मेधावी होते है- किन्तु साहस की कमी,
  • इम्मानुअल काण्ट (जर्मन) निश्चत्रवादी थे- इन्होने बताया कि New Hollend (पूर्वी द्विप समूह) निवासियो की आँखे आधी बन्द रहती है- इसका कारण असंख्य मक्खिया है-
  • फाण्ट के अनुसार उष्ण प्रदेश के लोग अपवाद स्वरूप सुस्त व काभर होते है-
  • वैज्ञानिक निश्चभवाद के संस्थापक- फ्रेडरिक रेटजेल
  • हंटिंगटन (भूगोलविद) पुस्तक मानव भूगोल के सिद्धान्त

पर्यावरण निश्चभवाद –

  • प्रकृति ने मनुष्य को बनाया है-
  • पर्यावरण निस्चित्रवाद का जन्म एंव विकास जर्मन में हुआा।
  • रेटजेल मानव अपना सिर आकाश में जितना ऊँचा क्यो न उठा ले तथापि उसके पैर सदा धरती पर टिके रहेगे
  • रेटजेल हमारी बुद्धि संस्कृति एवं सभ्यता की उपलब्धियो की तुलना एक चिडि‌या की स्वच्छाद उडान से नहीं की जा सकती, इसकी तुलना पौधे के एक तने से की जा सकती है-हम सदा पृथ्वी से आबद्ध है-
  • हिप्पोक्रेटस (420ई. पूर्व) एशिया पर किये गए कारण यूरोप की कठोर जलवायु इसके प्रभाव से यूरोपिय लोगो द्वारा आक्रमण का प्रमुख एवं परिवर्तनशील भूरोप के लोग कठिन परिश्रमी होते है- एवं एशिया के लोग आराम पसंद।
  • विलिभम मोरिस डेविस , एलन चर्चिल सेम्पल एल्सवर्थ हटिंग्टन,
  • पर्यावरणवाद की संकल्पना 1911 चरमोत्कर्ष पर पहुंची,
  • कुमारी सेम्पल पुस्तक भौगोलिक वातावरण के प्रभाव,
  • कुमारी सैम्पल का कथन मनुष्य पृथ्वीतल की उपज है-
  • हीगल मेरे सामने भोगोलिक निभतिवाद की बाते मत करो जिस स्थान में पूर्व में भूनानी रहते थे, वहाँ पर्तमान में तुर्की रहते है –
  • मनुष्य मोम या प्लास्टिक पुत्तले समान है- जिस पर पर्यावरण का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है-
  • किरचॉफ – पुस्तक Man End Earth (जगलो व समुद्रतटीम भागो में रहने वाले अनेकेश्वरवादी होते है। –
  • जब कि एकेश्वरवादिता रेगिस्तानी भागो की स्वाभाविक उपज है- किरचॉफ के अनुसार बेसाल्ट की च‌ट्टानो वाले क्षेत्रो के निवासी प्राय अधर्मी व दुस्साहसी होते है-
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