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राजस्थान के प्रमुख महल | Rajasthan ke Mahal GK Notes | Trick | PDF

Rajasthan ke pramukh mahal – आज हम राजस्थान के प्रसिद्ध महल के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। यहां पर हम राजस्थान के काष्ठ महल, जूना महल, मोती महल, बुलानी महल जोधपुर, राजस्थान का हवा महल आदि। के बारे में जानेंगे यह राजस्थान जीके का अति महत्वपूर्ण topic है। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है, तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है। और government की सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते है। 

महल –
‣ जहां पर राज परिवारों का निवास स्थल ।
‣ जल महलों की नगरी भरतपुर को कहा जाता है ।
‣ राजस्थान के प्रमुख जल महल जयपुर में स्थित है ।
‣ राजस्थान में महलों की नगरी उदयपुर को कहां जाता है ।

जयपुर के महल –

हवा महल – जयपुर
‣ हवा महल का निर्माण प्रताप सिंह के द्वारा 1799 ई. में करवाया गया ।
‣ प्रताप सिंह ने राजघराने की महिलाओं को तीज वा गणगौर की सवारी देखने के लिए करवाया था ।
‣ इस महल का वास्तुकार लालचंद था।
‣ इस महल को राजस्थान का एयर दुर्ग कहते है ।
‣ इस महल की आकृति को कर्नल जेम्स टॉड ने कृष्ण के मुकुट के समान बताया ।
‣ हवा महल के प्रवेश द्वार को आनन्द पोल कहते है ।
‣ इस महल को 1968 में संरक्षित स्मारक घोषित किया था ।
‣ इस महल में 953 खिड़कियां तथा 365 झरोखे है जिस कारण से इसे खिड़कियों का महल भी कहां जाता है ।
‣ हवामहल की सभी खिड़िकियां पूर्व दिशा में खुलती है।
‣ हवामहल को लाल मंदिर भी कहते है ।
इस महल में पांच मजीलें है –

‣ शरद मन्दिर
‣ रतन मन्दिर
‣ विचित्र मन्दिर
‣ प्रकाश मन्दिर
‣ हवा मन्दिर
‣ हवा महल के शरद मन्दिर को 1983 में इसे संग्रहालय स्थापित किया गया।
‣ यह महल बिना नींव चुना व बालुआ पत्थर से निर्मित है ।
‣ इसे राजस्थान का टोलामी महल कहां गया है ।
उपनाम –
‣ जयपुर का राजवाड़ी महल
‣ जयपुर का एयर फोर्ट
‣ अर्द्रव्रताकार महल

चन्द्र महल, सिटी पैलेस – जयपुर
‣ इस महल का निर्माण विधाधर चक्रवर्ती के नेतृत्व में सवाई जयसिंह के द्वारा करवाया गया था ।
निर्माण वर्ष – 1729 – 34
‣ इस महल के वास्तुकार याकूब थे ।
अन्य नाम –
‣ राजमहल, सतखणा महल, चन्द्रमहल
यह महल सात मंजिला है –

‣ चंद्रमहल
‣ सुख निवास
‣ रंग मन्दिर
‣ शोभा निवास
‣ छवि निवास
‣ श्रीनिवास

मुकुट मन्दिर
‣ 1959 में मानसिंह द्वितीय द्वारा संग्रहालय बनाया गया ।
‣ इस महल ऊपरी मंजिल में पोथी खाना स्थित है ।
‣ गंगाजली – चंद्रमहल के दीवाने खास में चांदी के दो बड़े कलश स्थित है
‣ इस पैलेस में रखे विश्व के सबसे बड़े चांदी के पात्र और बीछावत पर बारीक काम सुई से निर्मित चित्र विश्व प्रसिद्ध है।

रामबाग पैलेस, जयपुर-
‣ इस महल का निर्माण रामसिंह द्वितीय ने मेहमानों के लिए करवाया था ।
‣ इस महल में 1836 में इसके किनारे केसर बडारण बाग भी बनाया गया ।
‣ वर्तमान में इस महल में रामाबाग पैलेस होटल चलाया जा रहा है ।

सामोद भवन , जयपुर-
‣ यह महल जयपुर जे चैमू में स्थित है ।
‣ इस महल का निर्माण बिहारीदास ने 1645-52 में करवाया था ।
‣ इन महालों में 19वीं सदी में शिव सिंह ने शीशमहल बनवाया था ।
‣ यह महल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है ।

मुबारक महल (वैलकम पैलेस ) जयपुर –
इस महल का निर्माण माधोसिंह द्वितीय के द्वारा करवाया गया ।
‣ इस महल को अतिथि गृह /स्वागत महल के लिए बनाया गया था ।
‣ यह महल सिटी पैलेस में स्थित जो हिंदू , मुस्लिम व ईसाई शैली में बना हुआ है जो जयपुर का सबसे नया महल है ।

एक जैसे नौ महल – जयपुर
‣ यह महल नाहरगढ़ दुर्ग ( जयपुर ) में स्थित है ।
‣ इन महलों का निर्माण माधोसिंह ने अपनी नौ पासवान रानियों के लिए करवाया था।

मुबारक महल सिटी पैलेस , जयपुर –
‣ इन महलों का निर्माण माधोसिंह द्वितीय ने मेहमानों के लिए करवाया था।

आमेर महल, जयपुर –
‣ इस महल का निर्माण मानसिंह प्रथम ने करवाया था।
‣ इस महल को हिन्दू पारसी शैली में बनाया।
‣ इस महल को पूर्ण सवाई जयसिंह ने करवाया।
‣ यह महल मावठा झील के पास बना हुआ है।
‣ सवाई जयसिंह ने दुर्ग में प्रवेश के लिए गणेश पोल का निर्माण करवाया जो इतिहासकार फागर्युसन के अनुसार संसार का सर्वेक्षेष्ठ प्रवेश द्वार है।

सिसोदिया रानी का महल – जयपुर
‣ इस महल के निर्माण सवाई जयसिंह के द्वारा करवाया गया ।
‣ इस महल का निर्माण 1728 ई . में सिसोदिया रानी चन्द्र कंवारी के लिए करवाया गया था।

जल महल – जयपुर
‣ इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह के द्वारा करवाया गया था ।
‣ यह महल मान सागर झील के बीच में स्थित है ।

मोती डूंगरी महल – जयपुर
‣ इस महल का निर्माण माधोसिंह द्वितीय ने करवाया था।
‣ इस महल के किनारे पंचायतन शैली में लक्ष्मी नारायण तथा बिड़ला मन्दिर स्थित है।
‣ इस महल की मोती के समान दिखाई देने के कारण इस महल का नाम मोती डूंगरी पड़ा ।

जोधपुर के महल –

उम्मेद भवन – जोधपुर
‣ इस महल का निर्माण महाराजा उम्मेद सिंह ने अकाल राहत कार्यों के दौरान 1928 – 1940 में करवाया था ।
‣ इस महल को छित्तर पैलेस के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह महल छित्तर पत्थर से बना हुआ है।

एक थम्बा महल – जोधपुर
‣ इन महलों का निर्माण महाराज अजीत सिंह ने करवाया था ।
‣ यह महल प्रहरी मीनार के नाम से प्रसिद्ध है ।
‣ मंडौर में स्थित तीन मंजिला भवन है।

राईका बाग पैलेस – जोधपुर
‣ इस महल को 1663 में जसवंत सिंह प्रथम की हाड़ी रानी ने बनवाया था ।
‣ स्वामी दयानंद सरस्वती ने यहां पर उपदेश दिए ।

बुलानी महल – जोधपुर
‣ इन महलों का निर्माण महाराजा जयसिंह ने करवाया था ।

बिजालाई के महल – कायलाना ( जोधपुर)
‣ इन महलों का निर्माण महाराजा तख्तसिंह के द्वारा करवाया गया था।

उदयपुर के महल –

जग मन्दिर – उदयपुर
‣ इन महल का निर्माण महाराणा कर्ण सिंह ने 1620 ई. में शुरू करवाया तथा जगत सिंह प्रथम के द्वारा 1651 ई. में इसे पूर्ण करवाया गया।
‣ यह महल पिछोला झील के अन्दर स्थित है।
‣ कर्ण सिंह ने जहांगीर के विद्रोही पुत्र खुर्रम को इन्ही महलों में शरण दी थी।
‣ यहां पर बापू गफूर की मजार भी स्थित है।
‣ 1857 की क्रांति के समय नीमच छावनी से भागे हुए अंग्रेज परिवारों को महाराजा स्वरूप सिंह ने इन्ही महलों में शरण दी थी।

जग निवास – उदयपुर
‣ महाराजा जगत सिंह द्वितीय ने यह महल 1746 ई. में बनवाया ।
‣ यह महल पिछौला झील के अंदर स्थित है।
‣ वर्तमान में उस महल में होटल लैक पैलेस चलता है।

राज महल – उदयपुर
‣ यह महल पिछौला झील के किनारे पर स्थित है।
‣ इन महलों को निर्माण महाराणा उदयसिंह करवाया था।
‣ इन महलों को फगर्यूसन ने राजस्थान के विंडसर महलों की संज्ञा दी।
इस महल को दो भागों में विभाजित किया गया है-
मर्दाना महल –
‣ इस महल में भीम महल, मोती महल, दिलखुश महल माणक महल, कृष्ण महल, शीश महल, मदन महल, किशन महल, कांच की बुर्ज आदि महल स्थित है।
जनाना महल –
‣ इस महल में रंग महल तथा बादल महल स्थित है।

खुश महल – उदयपुर
इन महलों का निर्माण सज्जन सिंह के द्वारा करवाया गया था ।

सज्जनगढ़ पैलेस – उदयपुर
‣ इन महलों को मानसून पैलेस भी कहां जाता है ।
‣ इन महलों को फतेहसागर झील के किनारे निर्माण प्रारम्भ महाराणा सज्जनसिंह के द्वारा तथा पूर्ण महाराणा फतेहसिंह ने करवाया ।

खेतड़ी महल – झुन्झनू
‣ इस महल में लखनऊ जैसी भूल – भुलैया एवं जयपुर के हवा महल की झलक देखने को मिलती है।
‣ इस महल में स्वामी विवेकानन्द को ठहराया गया था।
‣ इस महल का निर्माण महाराजा भोपालसिंह ने 1735-71 में करवाया था।

जैसलमेर के महल –

जवाहर विलास महल – जैसलमेर
‣ इस महल मे अधिकांश निर्माण महाराव जवाहर सिंह ने करवाया।
‣ इस महल का निर्माण 19वी सदी में करवाया गया था।
‣ इस महल के झरोखे,छतरियां तथा दीवारों पर खुदाई का अदभुत काम किया गया है।

बादल विलास महल – जैसलमेर
‣ इस महल में 5 मंजिल का ताजिया टॉवर बना हुआ है।
‣ इस महल का निर्माण 19वीं सदी में मुस्लिम सलावटों द्वारा किया गया था। तथा महाराजा वैरिसाल को भेट में दिया गया था।
‣ यह महल सोनारागढ़ दुर्ग में स्थित है।

टोंक के महल –

राज महल – देवली (टोंक)
‣ यह महल बनास नदी के किनारे पर स्थित है।
‣ इस महल के किनारे के पास दाई और खारी नदियों का त्रिकोण है।
‣ इस महल के समीप बीसलदेव का मन्दिर एवं धार्मिक स्थल स्थित है।

सुनहरी कोठी –
‣ इस महल को मोहम्मद इब्राहिम अली खान के द्वारा बनवाया गया था।
‣ इस महल की दीवारों एवं छतों में कांच सोने की बेल बूटियों, फूल, मीनाकारी का काम किया गया जिस कारण इसे शीश महल भी कहा जाता है।

मुबारक महल – टोंक

अलवर के महल –

सरिस्का पैलेस, अलवर
‣ वर्तमान में यहां होटल सरिस्का पैलेस चलता है।
‣ यह महल सरिस्का अभयारण्य में स्थित है।
‣ इस महल का निर्माण महाराजा जयसिंह ने करवाया था।

विजय मन्दिर महल , अलवर –
‣ इन महलों का निर्माण महाराजा जयसिंह ने 1918 में करवाया था।
‣ इस महल में स्थित सीताराम मन्दिर में रामनवमी के दिन विशाल मेला का आयोजन किया जाता है।

सिलीसेढ़ महल, अलवर –
‣ यह महल छः मंजिला है।
‣ इसका निर्माण 1844 में महाराजा विनयसिंह ने अपनी रानी शिला देवी के लिए करवाया था।

विनय विलास महल, अलवर –
‣ इसका निर्माण विजयसिंह के द्वारा करवाया गया था।

भीलवाड़ा के महल –

सरदार निवास महल – बनेड़ा , भीलवाड़ा
‣ यह महल बनेड़ा दुर्ग में स्थित है ।
‣ इन महलों का निर्माण सरदार सिंह के द्वारा करवाया गया था।

बदनौर महल – आसींद ( भीलवाड़ा )

जालौर के महल –

काष्ठ महल , जालौर
‣ इस महल का निर्माण राजेंद्र सिंह ने 1936 में करवाया था।

कोटा के महल –

गुलाब महल –
‣ इस महल का निर्माण महाराव जैत्र सिंह ने करवाया था।
‣ यह महल कटा दुर्ग में स्थित है।

अबली मीणी का महल , कोटा
‣ इस महल का निर्माण महाराव मुकन्द सिंह ने करवाया था।
‣ मुकन्द सिंह ने इस महल का निर्माण अपनी हाड़ा पासवान रानी के लिए करवाया था।

अभेड़ा महल, कोटा

छत्र विलास महल, कोटा –
‣ इस महल को महाराव दुर्जनशाल ने करवाया था।

हवा महल, कोटा –
‣ इस महल को महाराव रामसिंह द्वितीय ने करवाया था।

डूंगरपुर के महल –

जूना महल – डूंगरपुर
‣ इस महल में भित्ति – चित्र व कांच का काम किया गया है।
‣ यहां महल सात मंजिला महल है।
‣ इस महल का निर्णाम रावलवीर सिंह देव ने 1282 ई. में करवाया था।

एक थम्बिया महल – डूंगरपुर
‣ इस महल का निर्माण महारावल शिव सिंह ने करवाया था।
‣ यह महल गेप सागर झील के किनारे स्थित है।

उदय विलास पैलेस – डूंगरपुर
‣ महाराजा उदय सिंह के द्वारा बनवाया गया था।
‣ इन महलों में पौराणिक देवी – देवता के चित्रों बनाया गए है।

बादल महल – डूंगरपुर

बूंदी के महल –

रंग महल – बूंदी
‣ महाराव छत्रसाल के द्वारा इन महलों का निर्माण करवाया गया ।
‣ इन महलों की दीवारों पर धार्मिक, शिकार के भित्ति – चित्रों का चित्रण किया गया है।

सुख महल – बूंदी
‣ महाराव विष्णु सिंह के द्वारा इन महलों का निर्माण करवाया गया ।
‣ यह महल जैत सागर झील के किनारे स्थित है।

बीकानेर के महल –

लाल गढ़ पैलेस – बीकानेर
‣ महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता लाल सिंह की याद में लाल पत्थरों से इसका निर्माण करवाया था।

झालावाड़ के महल –

गढ़ भवन पैलेस – झालावाड़
‣ मदन सिंह ने इसका निर्माण 1838 में करवाया था।
‣ इस महल में सभागार, जानानी ड्योढी, रंगशालाएं, शीशमहल, झारेखे आदि दर्शनीय स्थल है।

काष्ठ प्रसाद – झालावाड़
‣ इसका निर्माण देहरादून की शोध संस्थान द्वारा करवाया गया ।
‣ यह किशन सागर झील के किनारे स्थित है।
‣ इसको रैन बसेरा भी कहा जाता है।

भरतपुर के महल –

डिग महल – भरतपुर
‣ महाराजा सूरजमल इसका निर्माण करवाया था।
‣ इन महलों में मुगल शैली में सुंदर उद्यान लगे गए है।
‣ यह महल जल महल के रूप में प्रसिद्ध है।

गोपाल भवन-डिग – भरतपुर

मृगया महल – बयाना – भरतपुर

डिग के महल – भरतपुर
‣ बदन सिंह ने इन महलों का निर्माण करवाया था।

चित्तौड़गढ़ के महल

पद्मनी महल –
‣ यह महल चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित है।

फतह प्रकाश महल – चित्तौड़गढ़
‣ इस महल का निर्माण महाराणा फतेह सिंह ने करवाया था।
‣ यह महल चित्तौड़गढ़ दुर्ग में स्थित है।

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