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राजस्थान के प्रमुख संग्रहालय | Rajasthan ke Pramukh Sangrahalay Notes | Trick | PDF

आज राजस्थान के प्रमुख संग्रहालय के बारे में विस्तृत जानकारी लेके आए है। अगर आप भी राजस्थान के प्रमुख संग्रहालय की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो हमारी वेबसाइट पर पढ़ सकते है। राजस्थान के प्रमुख संग्रहालय राजस्थान जीके का अति महत्वपूर्ण topic है। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है, तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है। और government की सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते है। 

‣ राजस्थान में 1950 ई. में पुरातत्व विभाग की स्थापना हुई।
‣ इस विभाग के अंतर्गत लगभग 320 से अधिक संरक्षित स्थल तथा 47 पुरातात्विक स्थल और 20 संग्रहालय है।

केन्द्रीय संग्रहालय ( एल्बर्ट हॉल म्यूजियम ) – रामनिवास बाग ( जयपुर )
‣ यह जयपुर के रामनिवास बाग में स्थित है।
‣ इसका निर्माण महाराजा सवाई रामसिंह द्वितीय समय में प्रिंस अल्बर्ट के द्वारा 1876 में करवाया।
‣ उदघाटन- एडवर्ड बेडफोर्ड के द्वारा 1887 में किया गया।
‣ यह संग्रहालय भारतीय एवं मुगल शैली में निर्मित है।
‣ यह राजस्थान के प्रथम तथा सबसे बड़ा संग्रहालय है।
‣ स्वंत्रता के पश्चात इसको राज्य स्तरीय केन्द्रीय संग्रहालय का रूप दिया गया।
‣ इसमें कला व औधोगिक सामग्रियों का संग्रह है।
‣ इस संग्रहालय में ईरान के शाह द्वारा मिर्जा राजा जयसिंह को भेट किया गया था।
‣ यहा पर दुनिया का अप्रतिम बहुमूल्य गलीचा रखा हुआ है।
‣ इस संग्रहालय में पुराने चित्र, हाथीदांत, कीमती पत्थर, दरियां, धातु मूर्तियां व रंग बिरंगी वस्तुएं रखी हुई है।
‣ इस संग्रहालय में 1506 ई. से 1922 तक के जयपुर के राजाओं के चित्र एवं राज्य चिह्न रखे हुए है।
‣ इसमें एक ममी इस संग्रहालय के प्रमुख आकर्षक है।

डॉल म्यूजियम ( गुड़ियाघर ) – जयपुर
‣ यह डॉल म्यूजियम के नाम से जाना जाता है।
‣ इसका निर्माण 1979 ई. में भवानी बाई सेखासरिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा करवाया गया ।
‣ इस संग्रहालय मे भारत के विभीन्न हिस्सो की प्रसिद्ध गुड़ियाओं व कठपुतली के अतिरिक्त 30 से भी ज्यादा देशों की कठपुतलीयां संग्रहित है।

सिटी पैलेस संग्रहालय – जयपुर
‣ यह जयपुर में स्थित है।
‣ इसकी स्थापना 1959 में की गई।
‣ इस संग्रहालय में राजस्थानी पोशाकों, पहाड़ियों, आभूषणों,मीनाकारी की वस्तुओं,हस्तलिखित पांडुलिपियों का नायाब संग्रह है।
‣ इस संग्रहालय को सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय भी कहते है।
‣ इस संग्रहालय में विश्व का दूसरा झूमर लगा हुआ है।
‣ इस संग्रहालय में दुनिया के विशालतम चांदी के दो जार रखे हुए है, जिसको गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज जय।
‣ मुगल व राजपुत काल के विभीन्न अस्त्र – शास्त्र के अतिरिक्त सुन्दर और तराशी हुई मूंठ वाली तलवारें, मीनाकारी म्यानों वाली तलवारें इस संग्रहालय की प्रमुख धरोहर है।

राजपूताना संग्रहालय – अजमेर
‣ यह मैग्जीन दुर्ग ( अजमेर ) में स्थित है।
‣ अजमेर में राजकीय संग्रहालय की स्थापना अकबर के किले में 1908 में हुई थी ।
‣ सहयोगी – गौरी शंकर ओझा
‣ यह राजपूताना म्यूजियम, मैगजीन के नाम से प्रसिद्ध है।
‣ इस संग्रहालय में गुप्तकालीन व चौहान प्रतिमाएं स्थित है।
‣ इस संग्रहालय में प्राचीन प्रतिमाएं, शिलालेख, ताम्र – पत्र, उत्खनन में प्राप्त सामग्री, चार पत्थर की पटिकाओ पर संस्कृत भाषा में विग्रह राज चतुर्थ द्वारा रचित हरिकेली नाटक उत्कीर्ण है।

राजस्थान पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग –
यह जयपुर में स्थित है।
इसकी स्थापना 1950 में हुई।

कालीबंगा संग्रहालय – हनुमानगढ़
‣ यह हनुमानगढ़ में स्थित है।
‣ इसमें U आकार के तीन गलरियों में इस सभ्यता से प्राप्त सभी अवशेष स्थित है।
‣ सिन्धु घाटी सभ्यता के उत्खनन 1961 – 1969 में बी.के थापर तथा बी.वी लाल के नेतृत्व में किया गया।

हल्दीघाटी संग्रहालय – राजसमंद
‣ यह राजसमंद जिले में स्थित है।
‣ इसको 24 अगस्त 2015 में प्रारम्भ किया गया था।
‣ इस संग्रहालय को युद्ध संग्रहालय भी कहते है।
‣ इस संग्रहालय में महाराणा प्रताप के जीवन की घटनाओं के एकत्रित किया गया है।
‣ इस संग्रहालय को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज है।

जैसलमेर संग्रहालय –
‣ यह जैसलमेर में स्थित है।
‣ इसकी स्थापना 1984 में हुई थी।
‣ यहा पर अखैशाही सिक्के रखे हुवे है।
‣ किराडू से प्राप्त सुर सुंदरी की प्रतिमा रखी हुई है।

जनजाति संग्रहालय – उदयपुर
‣ यह उदयपुर में स्थित है।
‣ इसकी स्थापना 1983 में हुई ।
‣ इस संग्रहालय में माेलेला की कलाकृतियां स्थित है।

करणी संग्रहालय – बीकानेर
‣ यह जूनागढ़ किले में स्थित है।
‣ इस संग्रहालय का नाम बीकानेर के पूर्व महाराज करणीसिंह के नाम पर रखा गया है।
‣ इसमें बीकानेर के राज परिवार से सम्बन्धित वस्तुएं रखी हुई है।
‣ महराजा गंगासिंह द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में प्रयुक्त हवाई जहाज तथा शाही रेलगाड़ी के मॉडल रखे हुवे है।

लालगढ़ म्यूजियम – बीकानेर
‣ यह बीकानेर में स्थित है।
‣ यह ट्रस्ट द्वारा बीकानेर के लालगढ़ में संचालित है।

उम्मेद भवन पैलेस संग्रहालय – जोधपुर
‣ इसका निर्माण महाराजा उम्मेदसिंह के द्वारा 1929 में करवाया गया था।
‣ इस संग्रहालय में हनुवंतसिंह व उम्मेदसिंह के काल में हवाई उड़ानों के दौरान प्रयुक्त होने वाले एयर क्राफ्टस के मॉडल रखे हुवे है।

मीरा संग्रहालय – उदयपुर
‣ यह उदयपुर में स्थित है।
‣ इस संग्रहालय की स्थापना 2011 में को गई थी।
‣ यह पर मीरा से संबंधित वस्तुएं रखी हुवि है।

राजकीय संग्रहालय – ( झालावाड़ )
‣ स्थापना – इसकी स्थापना झालावाड़ के शासक भवानी सिंह के द्वारा 1915 में की गई ।
‣ इस संग्रहालय में चामुण्डा माता की अनोखी मूर्ति स्थित है।
‣ यहा पर अनेक ऐतिहासिक वस्तुएं, लघुचित्र, प्राचीन सिक्के आदि सामग्रियां संरक्षित रखी हुई है।

मेहरानगढ़ संग्रहालय – ( जोधपुर )
‣ यह जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित है।
‣ यह पर जोधपुर के राजपरिवार से सम्बन्धित विभिन्न वस्तुएं संरक्षित रखी हुई है।
‣ इसमें राजसी पोशाके, पालकियाँ, कलात्मक व सांस्कृतिक वस्तुएं संग्रहित रखी है।

लोक संस्कृति शोध संस्थान – ( चुरू )
‣ स्थापना – इसकी स्थापना 1964 में गोविंद अग्रवाल के प्रयासों से हुई।
‣ इसमें परम्पराओं व संस्कृति, प्राचीन दस्तावेज, पांडुलिपियां, तड़पत्र संग्रहित है।

सरस्वती भण्डार – ( उदयपुर )
‣ यह उदयपुर में स्थित है।
‣ इसमें राजस्थानी भाषा में रासो साहित्य एवं सचित्र पाण्डुलिपियां संग्रहित है।

युद्ध संग्रहालय – ( जैसलमेर )
‣ यह जैसलमेर में स्थित है।
‣ स्थापना – 24 अगस्त, 2015 को जैसलमेर में हुई।
‣ इसमें 1965 ई. में भारत – पाक के युद्ध में इस्तेमाल किए टैकों, विमानों एवं सैन्य वाहन संग्रहित है।
‣ यह राजस्थान का प्रथम युद्ध संग्रहालय है।

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