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राजस्थान के प्रमुख त्यौहार| Rajasthan ke Tayohar Notes | Trick | PDF

आज राजस्थान के प्रमुख त्यौहार की विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे। यहा आपको राजस्थान के प्रमुख त्यौहार की pdf भी उपलब्ध करवाई जायेगी। राजस्थान के प्रमुख मेले राजस्थान जीके का अति महत्वपूर्ण topic है। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है, तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है। और government की सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते है। 

राजस्थान के देशी महीने –
‣ चैत्र – मार्च/अप्रैल
‣ वैशाख – अप्रैल/मई
‣ ज्येष्ठ – मई/जून
‣ आषाढ़ – जून/जुलाई
‣ श्रावण – जुलाई/अगस्त
‣ भाद्रपद – अगस्त/सितंबर
‣ अश्विन – सितंबर/अक्टूबर
‣ कार्तिक – अक्टूबर/नवंबर
‣ मार्गशीर्ष – नवंबर/दिसंबर
‣ पौष – दिसंबर/ जनवरी
‣ माघ – जनवरी/ फरवरी
‣ फाल्गुन – फरवरी/मार्च

कृष्ण पक्ष – अमावस्या (1 से 14 तक ) – कृष्ण पक्ष की 15वीं तिथि अमावस्या होती है।
कृष्ण पक्ष ( बदी)

शुक्ल पक्ष – पूर्णिमा ( 16 से 29 तक ) – शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है।
शुक्ल पक्ष ( सुदी)

‣ राजस्थान में तीज से श्रावण मास की तीज से त्यौहारों का आगमन होता है तथा गणगौर के साथ समापन हो जाता है।
इसके लिए राजस्थान में एक कहावत कही गई है “तीज त्यौहार बावड़ी, ले डूबी गणगौर “

चैत्र के त्यौहार – ( मार्च – अप्रैल )
(1) धुलंडी –
‣ इस त्यौहार को भारतीय ” वसंत का त्योहार “, ” रंगों का त्योहार “, ” प्रेम का त्योहार ” के नाम से जाना जाता है।
यह त्यौहार चैत्र कृष्ण प्रथमा को मनाया जाता है।

(2) ब्यावर की होली –
‣ इस होली में देवर के द्वारा रंग लाया जाता है तथा भाभी इसमें कोड़ा मारती है।
‣ यह होली मोची जाती के देवर – भाभी के बीच खेली जाती है।

(3) भिनाय की होली –
‣ इस होली में दो दल एक दूसरे को कोड़ा मारते है।
‣ यह होली अजमेर व भीलवाड़ा के बीच मनाई जाती है।

(4) बाड़मेर की होली –
‣ यह पत्थर – मार होली के रूप में प्रसिद्ध है।
‣ इस अवसर पर ‘ इलोजी ‘ की सवारी नकली जाती है।

(5) शीतलाष्टमी –
‣ यह त्यौहार चैत्र कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है।
‣ इस दिन बासा खाना खाया जाता है। इसको ‘ बासीड़ा ‘ कहा जाता है।
‣ शीतलमाता का मन्दिर चाकसू – जयपुर में है।
‣ इसको चेचक के प्रकोप को दूर करने वाली देवी माना जाता है।
‣ इसी दिन शीतला माता की पूजा की जाता हैं।

(6) चैत्र शुक्ल एकम –
‣ इसी दिन नवरात्रों का प्रारम्भ होता है।
‣ हिन्दुओं का नव वर्ष इस दिन से शुरू होता है।

(7) सिंजारा – ( चैत्र शुक्ल द्वितीया )
‣ गणगौर व छोटी तीज के एक दिन पूर्व सिंजारा निकाला जाता है।
‣ यह त्यौहार पुत्री और पुत्रवधु के प्रति प्रेम का प्रतीक है।

(8) रामनवमी – ( चैत्र शुक्ल नवमी )
‣ इस दिन सरयू नदी में स्नान, झुंझार जी का जन्म हुआ था।
‣ इस दिन रामजी का जन्म हुआ था।

वैशाख – ( अप्रैल – मई )

(1) आखा तीज – ( वैशाख शुक्ल तृतीया )
‣ इस दिन सर्वाधिक वाला विवाह द्वापर युग का प्रारम्भ माना जाता है।
‣ आखा तीज वाले दिन अबूझ सावा होता है।
‣ इस दिन सात अन्ना की पूजा की जाती है।

(2) धीघा गणगौर – ( वैशाख कृष्ण तृतीया )
‣ इसका प्रारम्भ राणा अमरसिंह के समय से माना जाता है।

(3) उजली तीज – ( बूंदी )
‣ यह वैशाख पूर्णिमा दिन मनाई जाती है।

ज्येष्ठ – ( मई – जून )

(1) बट सावित्री व्रत या बड़मावस – ( ज्येष्ठ अमावस्या )
‣ इस दिन स्त्रियां बड़ की पूजा करती है।
‣ यह व्रत स्त्री अपनी पति की लम्बी उम्र के लिए करती है।

(2) ज्येष्ठ शुक्ल दशमी –
‣ इस दिन भागरीथ गंगा को पृथ्वी पर लाए थे जिस कारण गंगा दशहरा मनाया जाता है।

(3) निर्जला एकादशी – ( ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी )
‣ इस दिन औरते बिना जल के यह व्रत करती है।
‣ इस एकादशी को व्रत रखने से वर्ष की सभी एकादशी के व्रत का फल मिल जाता है।

(4) पीपल पूर्णिमा – ( ज्येष्ठ पूर्णिमा )
‣ यह ज्येष्ठ पूर्णिमा को मनाई जाती है।
‣ इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है।

आषाढ़ के त्यौहार –

(1) योगिनी एकादशी – ( आषाढ़ कृष्ण एकादशी )
‣ इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते है।

(2) देवाश्यनी एकादशी – ( आषाढ़ कृष्ण एकादशी )
‣ इस दिन चार माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नही किया जाता है।
‣ ऐसा मान जाता है की इस दिन भगवान विष्णु चार माह के लिए सौ गए थे ।

(3) गुरु पूर्णिमा – ( आषाढ़ पूर्णिमा )
‣ इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
‣ इस दिन गुरु की पूजा की जाती है।

श्रावण के त्यौहार –

(1) नाग पंचमी –
‣ श्रावण कृष्ण पंचमी को यह त्यौहार मनाया जाता है।

(2) हरियाली अमावस्या –
‣ श्रावण अमावस्या को मनाया जाता है।
‣ वह स्त्री जिसकी संतान जन्म लेते ही मार जाती है वह स्त्री इस दिन व्रत करती है।
‣ इसी दिन अजमेर के मांगलियावास गांव में कल्पवृक्ष का मेला और पूजा करते है।

(3) छोटी तीज/ श्रावण तीज/ हरियाली तीज –
‣ यह त्यौहार श्रावण शुक्ला तृतीया को आता है।
‣ तीज का त्यौहार नव विवाहित महिला एवं स्त्रियों का त्यौहार है।
‣ जयपुर में छोटी तीज के दिन माता जी की भव्य सवारी निकाली जाती है।
‣ इस दिन हिन्दू त्योहारों का प्रारम्भ हो जाता है जिस कारण से लोगों के द्वारा कहावत कही गई तीज त्यौहार बावड़ी ले डूबी गणगौर
‣ इस त्यौहार पर नव विवाहित महिलाएं ससुराल से मायके जाती है और ससुराल से आए सिंजारे से अपना सिंगार करती है।

(4) रक्षाबंधन –
‣ यह त्यौहार श्रावण पूर्णिमा को मनाया जाता है।
‣ इसको नारियल पूर्णमा भी कहा जाता है।
‣ इस दिन भारत के प्रसिद्ध तीर्थ अमरनाथ की यात्रा समाप्त हो जाती है तथा इस दिन बर्फ का शिवलिंग बनता है।

भाद्रपद के त्यौहार –

(1) बड़ी तीज – ( भाद्रपद कृष्ण तृतीय )
‣ यह त्यौहार भाद्रपद कृष्ण तृतीय को मनाया जाता है।
‣ बड़ी तीज को कजली तीज, सतुड़ी तीज, बूढ़ी तीज आदि के नाम से भी जाना जाता है।
‣ कजली तीज बूंदी की प्रसिद्ध है, इस दिन बूंदी में भव्य सवारी निकाली जाति है।
‣ इस दिन गौरी / पार्वती माता का व्रत किया जाता है क्योंकि इस दिन पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था।

(2) हल षष्ठी – ( भाद्रपद कृष्ण षष्ठी )
‣ यह त्यौहार भाद्रपद कृष्ण षष्ठी को मनाया जाता है।
‣ भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बालाराम के जन्मोत्सव के रूप में यह त्यौहार मनाया जाता हैं।
‣इस दिन बालाराम के हल की पूजा की जाती है। तथा इस दिन गाय के दूध,दही का सेवन नहीं किया जाता है।
‣ इस दिन पुत्रवती स्त्रियां यह व्रत करती है।

(3) ऊब छठ – ( भाद्रपद कृष्ण षष्ठी )
‣ यह त्यौहार भाद्रपद की कृष्ण षष्ठी को मनाया जाता है।
‣ इस दिन शाम को स्नान करके सूर्य भगवान की पूजा कर अध्र्य दिया जाता है।
‣ रात्रि में चांद के दर्शन करने तक स्त्रियां खड़ी रहती है ओर चांद को अध्र्य देकर पूजा करके व्रत खोलती है।
‣ इस व्रत को चंदन षष्टी व्रत के नाम से भी जाना जाता है।

(4) कृष्ण जन्माष्टमी – ( भाद्रपद कृष्ण अष्टमी )
‣ इस दिन कृष्ण जी का जन्म हुआ था तथा इसे जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

(5) शक्कर पीर बाबा का उर्स – ( भाद्रपद कृष्ण अष्टमी )
‣ शक्कर पर बाबा जिनको नरहड़ के पीर के नाम से जाना जाता है।
‣ इस दिन नरहड़ गांव झुंझुनूं में मेला लगता है।

(6) गोगानवमी – ( भाद्रपद कृष्ण नवमी )

(7) बछबारस – ( भाद्रपद कृष्ण बारस )
‣ यह त्यौहार भाद्रपद कृष्ण बारस को मनाया जाता है।
‣इस दिन गाय के दूध का सेवन नहीं किया जाता है तथा गाय का दूध केवल बछड़े को पिलाया जाता है।
‣ इस दिन चाकू से कटी वस्तु का प्रयोग नहीं किया जाता है । इस दिन केवल अंकुरित चने मोठ, मूंग आदि का सेवन किया जाता है।

(8) सतिया अमावस – ( भाद्रपद कृष्ण अमावस्या )

(9) हरतालिका तीज – ( भाद्रपद शुक्ल तृतीय )

(10) गणेश चतुर्थी – ( भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी )
‣ यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है।
‣इस दिन लड़कों का सिंजारा होता है, इस दिन रणथंभौर में गणेश का मेला भरता है।
‣यह त्यौहार विशेष रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है।
‣इसको चतरा चौथ भी कहते है।

(11) ऋषि पंचमी – (भाद्रपद शुक्ल पंचमी )
‣ इस दिन गंगा स्नान व ब्रहस्पतिजी की पूजा की जाति है।
‣ माहेश्वरी समाज में ऋषि पंचमी को ही राखी मनाई जाति है।
‣ इस दिन जाने – अनजाने में हुए पापों को धोने हेतु व्रत होता है।

(12) राधा अष्टमी – ( भाद्रपद शुक्ल अष्टमी )
‣ यह त्यौहार राधा जे के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है।
‣ इस दिन स्लेमाबाद ( अजमेर ) में ‘ निंबार्क पीठ’ मेला लगता है।

(13) देवा झूलनी / जलझूलनी एकादशी – ( भाद्रपद शुक्ल एकादशी )
‣ इस दिन भगवान विष्णु को बेवाण में बैठकर जलाशय में स्नान करवाया जाता है।
‣ इस दिन देवताओं की मूर्तियां को पलकियों और विमानों में विराजमान कर जुलूस में गाजे – बाजे के साथ जलाशय के पास जाकर स्नान करवाया जाता है।

(14) भाद्रपद पूर्णिमा (श्राद्ध पक्ष ) –
‣ भद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलते है।
‣ ये 15 दिन तक चलते है।

(15) सांझी – ( भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या तक चलते है )

आश्विन के त्यौहार –
‣ आश्विन की एकम से अमावस्या तक – श्राद्ध

(1) नवरात्र –
‣ नवरात्रा वर्ष में दो बार मनाया जाता है।
‣ प्रथम नवरात्रा चैत्र शुक्ल एकम से नवमी तक एवं दूसरा आश्विन शुक्ल एकम से नवमी तक।
‣ इसमें 9 दिनो तक दुर्गा माता की पूजा करते है।
‣ नवमी को कुंवारी कन्याओं को भोजन करवाते है।

(2) दुर्गाष्टमी – ( आश्विन शुक्ल अष्टमी )
‣ पश्चिमी बंगाल में दुर्गा अष्टमी धूमधाम से मनाई जाती है।
‣ इस दिन शास्त्र पूजा भी की जाती है।
‣ दुर्गाष्टमी को माता अष्टमी , महा अष्टमी एवं वीर अष्टमी भी कहा जाता है।

(3) दशहरा – ( आश्विन शुक्ल दशमी )
‣ इस दिन भगवान राम ने रावण का वध करके बुराई पर विजय पाई थी। तथा इसी दिन को विजय दशमी के रूप में मनाया जाता है।
‣ राजस्थान में कोटा शहर का दशहरा तथा भारत में मैसूर शहर का दशहरा प्रसिद्ध है।
‣ कोटा शाहर में दशहरे को बहुत बड़ा मेला लगता है।
‣ दशहरे के दिन खेजड़ी वृक्ष की पूजा करते है।
‣ इस दिन लीलटास पक्षी का दर्शन को शुभ माना जाता है।

(4) शरद पूर्णिमा – ( आश्विन पूर्णिमा )
‣ इस दिन रात को खीर बनाकर चन्द्रमा की रोशनी में रखते है जिसे सुबह खाया जाता है।
‣ इस दिन चन्द्रमासे अमृत की वर्षा होती है।
‣ इसी दिन मारवाड़ महोत्सव मनाया जाता है।
‣ इसको रास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
‣ ऐसी मान्यता है की इस दिन चन्द्रमा षोडश कलाओं ( 16 कलाएं) से परिपूर्ण होता है।

कार्तिक के त्यौहार –

(1) करव चौथ – ( कार्तिक कृष्ण चतुर्थी )
‣ करवा चौथ का व्रत किया जाता है।
‣ चौथ माता का मन्दिर चौथ का बरवाड़ा ( सवाईमाधोपुर ) में है।

(2) अहोई अष्टमी – ( कार्तिक कृष्ण अष्टमी )
‣ इस दिन पुत्रवती स्त्रियां निर्जला व्रत करती है।
‣ इस दिन दीवार पर स्याऊ माता के पुत्र के चित्र बनाए जाते है।

(3) तुलसी एकादशी – ( कार्तिका कृष्ण एकादशी )
‣ इस दिन तुलसी की पूजा की जाती है।

(4) धन तेरस – ( कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी )
‣ इस दिन धनवंतरी व यमराज की पूजा की जाती है।
‣ इस दिन चांदी और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

(5) रूप चौदस – ( कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी )
‣ इस दिन हनुमान जी पूजा की जाती है।
‣ इस दिन छोटी दीपावली या काणी दीपावली माजई जाती है।

(6) दीपावली – ( कार्तिक अमावस्या )
‣ दीपावली के दिन भगवान श्री राम वनवास पूर्ण करके अयोध्या आए थे।
‣ इस दिन महावीर स्वामी व दयानंद सरस्वती की पुण्य तिथि मनाई जाती है।

(7) गोवर्धन पूजा – ( कार्तिक शुक्ल प्रथमा )
‣ इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को बाएं हाथ की सबसे छोटी अंगुली पर उठाया था।
‣ इसी दिन अन्नकूट मनाया जाती है।
‣ अन्नकूट के त्यौहार पर मिठाई बड़ा लड्डू बनाते है।
‣ यह त्यौहार पर चावल के लूटने को भूलों की लूट कहते है।

(8) भैयादूज – ( कार्तिक शुक्ल द्वितीया )
‣ इस दिन बहिन अपने भाई की कलाई पर धागा बांधती है।
‣ इस दी यम द्वितीया मनाई जाती है।

(9) सूर्याष्टमी व गोपालाष्टमी – ( कार्तिक शुक्ल अष्टमी )
‣ इस दिन गाय के बछड़े का पूजन किया जाता है।

(10) आंवला नवमी या अक्षय नवमी – ( कार्तिक शुक्ल नवमी )
‣ इस दिन भोजन में आंवला खाया जाता है।
‣ इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा की जाती है।

(11) देवउठनी ग्यारस/तुलसी एकादशी/ प्रबोधिनी/ देवोत्यान – ( कार्तिक शुक्ल एकादशी )
‣ इसको प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है।
‣ इस दिन सभी मांगलिक कार्य का प्रारम्भ होता है।
‣ इस दिन ईख की पूजा की जाती है।
‣ इस दिन भगवान विष्णु में तुलसी के पौधे से विवाह किया था।

(12) कार्तिक पूर्णिमा –
‣ इस दिन पुष्कर मेला लगता है, तथा इस मेले में सबसे अधिक विदेशी पर्यटक आते है।
‣ इसी दिन सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनिका का मेला लगता है।
‣ कपिल मुनि का मेला कोलायत, बीकानेर में भरता है।
‣ इसी दिन गुरु नानक जयंती आती है।
‣ इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस को मारा था।
‣ इसी दिन भगवान मत्स्य का अवतार हुआ था।

मार्गशीर्ष के त्यौहार –

(1) काल भैरव जयंती – ( गार्गशीर्ष कृष्ण दशमी )

(2) मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी –
‣ इस दिन दत्तात्रेय मुनि का जन्म हुआ था।

(3) मार्गशीर्ष अमावस्या –
‣ इस दिन मनु का जन्म हुआ था।
‣ इस अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहते है।

(4) गीता जयंती – ( मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी )

पौष के त्यौहार –

(1) गुरु गोविन्द सिंह की जयंती – ( पौष शुक्ल सप्तमी )
‣ इस दिन गुरु गोविन्द सिंह ने गुरु परम्परा को समाप्त कर अपने धर्म ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु घोषित किया था।

माघ के त्यौहार –

(1) तिल चौथ – ( माघ कृष्ण चतुर्थी )
‣ इस चौथ को संकट चौथ भी कहते है।
‣ इस दिन औरते व्रत करती है तथा चौथ माता व गणेशजी को तिलकुट का भोग लगाया जाता है।
‣ सवाई माधोपुर जिले में चौथ माता का बरवाड़ा नामक स्थान पर विशाल में भरता है।

(2) मौनी अमावस्या – ( माघ अमावस्या )
‣ इस दिन भगवान मनु का जन्मदिन है।
‣ इस दिन मौन व्रत किया जाता है।

(3) गुप्त नवरात्रे – ( माघ शुक्ल एकम से नवमी तक )
‣ इन नौ दिनो तक गुप्त नवरात्रे चलते है।

(4) बसंत पंचमी – (माघ शुक्ल पंचमी )
‣ इसी दिन सरस्वती माता की पूजा की जाती है।
‣ भगवान श्रीकृष्ण ने इस दिन उत्सव के अधिदेवता है इसलिए ब्रज प्रदेश में इस दिन राधा कृष्ण की लीलाएं रचाई जाती है।

(5) माघ स्नान – ( माघ पूर्णिमा )
‣ इस दिन से माघ स्नान प्रारम्भ हो जाता है।
‣ माघ पूर्णिमा पर डूंगरपुर के नवाटापूरा गांव एम वेणेश्वर मेला लगता है।

फाल्गुन के त्यौहार –

(1) शिवरात्रि – ( फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी )
‣ इस दिन भगवान शिवाजी का जन्म तथा शिवजी पार्वती की शादी हुई थी।
‣ करौली में महाशिवरात्रि पशु मेला लगता है।

(2) ढूंढ – ( फाल्गुन शुक्ल एकम )
‣ इस दिन बच्चे के ननिहाल से खिलौने व कपड़े भेजे जाते है।

(3) फुलेरा दूज – ( फाल्गुन शुक्ल द्वितीय )
‣ इस दिन अबूझ सावा होता है।

(4) ग्यारस आमलकी – ( फाल्गुन शुक्ल एकादशी )
‣ पुत्र होने पर पीहर पक्ष से वस्त्र व खिलौने भेजे जाते है।
‣ इस दिन से खाटूश्याम जी का मेला प्रारम्भ होता है।

(5) होली – ( फाल्गुन पूर्णिमा )
‣ इस दिन होली मनाई जाती है।
‣ हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद था जो भगवान विष्णु का भक्त था जिसे जलाने के लिए हिरण्यकश्यप की बहिन होलिका स्वयं जल गई।
‣ होलिका के होने वाले पति इलोजी थे।

मकर सक्रांति – ( 14 जनवरी )
‣ इस दिन रूठी सास को मनाने की पंरपरा है।
‣ इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है।
‣ सूर्य का उत्तरायण में प्रवेश होता है।
‣ सास, देवर, जेठ को जगाया जाता है।
‣ इस दिन पतंग महोत्सव होता है, राजस्थान विकास निगम द्वारा जयपुर में कराया जाता है।

मुस्लिमों के त्यौहार –

(1) मोहर्रम –
‣ इस दिन हिजरी संवत का का प्रथम महीना है।
‣ यह त्यौहार कुर्बानी का त्यौहार है। मुहम्मद साहब के बेटे इमाम हुसैन के षहिदी दिन को षेक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
‣ हिजरी संवत के प्रथम महीने मोहर्रम में हजरत मोहम्मद साहब के पुत्र हजरत इमाम – हुसैन धर्म विरोधियों से लड़ते हुए कर्बला के मैदान में शहीद हो गए थे जिसकी स्मृति में ताजिए निकले जाते है।
‣ जयपुर के रामसिंह एकमात्र ऐसे शासक थे, जिनका ताजिया निकाला जाता है।

(2) ईद – उल – मिलाल – दुलनब –
‣ मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था।
‣ मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस को इस त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
‣ जिसकी खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है, इसे बारावफात भी कहते है।

(3) ईद – उल -फितर –
‣ रमजान महीने में 30 दिन रोजे रखे जाते है और इस दिन सेवइयां बनाई जाती है।

(4) ईद – उल – जुहा –
‣ यह त्यौहार जिलहिज 10 तारीख में मनाया जाता है। इसे बकरा ईद कहते है।
‣ हजरत इब्राहिम ने अपने पुत्र इस्माइल की अल्लाह को कुर्बानी दी जिसकी स्मृति में यह त्यौहार मनाया जाता है तथा इसकि प्रतिक के रुप मे बकरे कि कुर्बानी दी जाती है।

(5) शबेरात –
‣ यह त्यौहार शावण के महीने की 14 तारीख को मनाया जाता है।

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