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राजस्थान के वस्त्र | Rajasthan ke Vastra Notes | Trick | PDF

राजस्थान के वस्त्र एवं वेशभूषा – आज हम राजस्थान में पहने जाने वाले वस्त्र को ट्रिक व फोटो समझने का प्रयास करेंगे। जिससे आपको इनको याद रखने में आसानी होगी। यह राजस्थान जीके का अति महत्वपूर्ण topic है। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है, तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है। और government की सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते है। 

1. पोमचा –
‣ इसको वंश वृद्धि का सूचक माना जाता है।
‣ शेखावाटी क्षेत्र में इसे पीला भी कहा जाता है।
‣ पीला पोमचा – यह पुत्र के जन्म पर प्रसूता द्वारा ओढ़ा जाता है।
‣ लाल पोमचा – यह पुत्री जन्म ओढ़ा जाता है।
‣चीड़ का पोमचा – यह काला रंग का होता है। इसको विधवा महिलाएं ओढ़ती है। यह कोटा हा प्रसिद्ध हैं।

2. घाघरा –
‣ इसको लहंगा भी कहा जाता है।
‣ इसे कमर के नीचे एड़ी तक पहना जाने वाला घेरदार वस्त्र होता है।
‣ आदिवासियों के घाघरे को कछाबू कहा जाता है।

3. आतमसूख –
‣ यह तेज सर्दी में ओढ़ा जाता है।
‣ इसकी तुलना कश्मीरी फिरनसे की जाती है।
‣ इनका प्रचलन रजवाड़ों में अधिक है।

4. लुगड़ा –
‣ यह महिलाओं की ओढ़नी का एक प्रकार है।
‣ यह मुकंदगढ़ ( झुंझुनूं ), लक्ष्मणगढ़ ( सीकर ) का प्रसिद्ध है।

5. कुर्ती – कांचली –
‣ कुर्ती – कांचली तथा घाघरे के ऊपर शरीर पर पहना जाने वाला वस्त्र है।

6. कापड़ी –
‣ यह कमर से ऊपर पहना जाने वाला वस्त्र जिसे पिछे डसों से बांधा जाता है।

7. एरंडी –
‣ यह महिलाओं के द्वारा ओढ़ने का वस्त्र है।

8. सिंदूरी –
‣ यह भीलो में शादी के समय इसे स्त्री द्वारा पहनी जाने वाली साड़ी है।

9. सलवार –
‣ यह कमर से पांव तक लड़कियों के द्वारा पहना जाता है।

10. घघरी –
‣ यह छोटी लड़किया पहनती

11. साड़ियां –
‣ जनेब की साड़ी – यह साड़ियां कोटासुआ ( कोटा ) की प्रसिद्ध है।
‣ चुवा – चंदन की साड़ियां – नाथद्वारा ( राजसमंद ) की प्रसिद्ध है।
‣ सूठ की साड़ी – यह साड़ी सवाई माधोपुर की प्रसिद्ध है।
‣ कोटा डेरिया की साड़ी – यह कैथून ( कोटा ) की प्रसिद्ध है।

अन्य साड़ियों के नाम –
पट, निचोल, वसन, अंसुक, चिर – पटोरी, धोरीवाला, ओढ़नी, फूल पत्ति की साड़ी, जामसाही साड़ी आदि।

12. ओढ़नी –
‣ यह महिलाओं के द्वारा सिर पर ओढ़ी जाती है।
‣ ओढ़नी निम्न प्रकार की होती है।

ताराभांत की ओढ़नी – यह आदिवासी महिलाओं के द्वारा ओढ़ी जाती है।
डूंगरशाही ओढ़नी – यह जोधपुर की प्रसिद्ध है।
कटकी – यह आदिवासियों की कंवारी कन्याओं की ओढ़नी है।
नान्दणा – यह आदिवासी महिलाओं के द्वारा प्रयुक्त प्राचीन वस्त्र है।
पुतली भात की ओढ़नी –
जामासाही ओढ़नी –
कंवर झोल की ओढ़नी –
मामा चुनड़ –
लहर भांत की ओढ़नी –

पुरुषो के वस्त्र

1.कोट – पेन्ट –
2. साफा –
‣ यह जोधपुर के प्रसिद्ध है।

3. पगड़ी –
‣ यह मेवाड़ क्षेत्र के प्रसिद्ध है।
4. फेंटा –
‣ मीणा व गुर्जर की पगड़ी को फेंटा कहते है।

साफे के उपनाम –
फालिया, घुमालों, सेलो, लपेटो, शिरोत्राण, पेंच, बागा आदि।

पगड़ी के प्रकार –
उदयशाही –
विजयशाही –
अमरशाही –
शाहजहानी –
हम्मीरशाही –
राठौड़ो की पगड़ी –
मानशाही पगड़ी –
जसवंतशाही पगड़ी –

5. लूंगी –
‣इसको कमर से नीचे पहना जाता है।

6. धोती –
‣यह साड़ी के जसे लंबी होती है। इसको कमर से नीचे पहना जाता है।
यह 4 मीटर लंबी होती है।

7. अंगरखी –
‣ यह शरीर के ऊपरी भाग पर पहनी जाता है।
इसमें एक जेब लगी होती है।

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