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राजस्थान के प्रमुख छतरियां | Rajasthan ki Chhatriya Notes | Trick | PDF

आज राजस्थान की प्रमुख छतरियां, महल एवं हवेलियां के बारे में विस्तृत जानकारी लेके आए है। इसमें हम 84 खंभों की छतरी, 32 खंभों की छतरी, क्षरबाग की छतरियां, 8 खंभों की छतरी, मामा भांजा की छतरी, बंडोली की छतरी, बंजारों की छतरी, कैंसर बाग की छतरी, मंडोर की छतरियां तथा राजस्थान की सबसे बड़ी छतरी कौनसी है। उसके बारे में भी चर्चा करेंगे। राजस्थान gk का अति महत्वपूर्ण topic है। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है, तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है। और government की सभी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर सकते है। 

छतरी –
‣ जिस स्थान पर महाराजाओं को जलाया जाता था उस स्थान पर उनकी स्मृति में जो इमारत बनाई जाती थी उसे छतरी कहा जाता है।

जयपुर की छतरियां –

गैटोर की छतरी –
‣ यह नाहरगढ़ ( जयपुर ) में स्थित है।
‣ यहा पर जयसिंह द्वितीय से मानसिंह द्वितीय की छतरियां है।
‣ ये छतरिया कछवाहा शासकों की है।
‣ ईश्वरी सिंह की छतरी यहा पर स्थित नहीं है। इनकी छतरी चंद्र महल ( जयपुर ) में स्थित है।

‣ गुसाईयों की छतरियां विराटनगर ( जयपुर ) में स्थित है।

जोधपुर की छतरियां –

सेनापति की छतरी – जोधपुर

जसवंत थड़ा की छतरी – जोधपुर

जोधपुर की रानियों की छतरी –
‣ जोधपुर पंचकुण्ड नामक स्थान पर स्थित है।

मण्डोर की छतरी – जोधपुर
‣ जोधपुर राजवंश के श्मशान मंडोर के पास पी

गोरा धाय की छतरी – जोधपुर

मामा भांजा की छतरी – जोधपुर

20 खम्बो की छतरी – जोधपुर
‣ यह सिंघवियों की छतरी है।

अहाड़ा की छतरी – जोधपुर

सिंघावियों की छतरी – जोधपुर

जैसलमेर की रानी की छतरी – जोधपुर

सेनापति की छतरी – जोधपुर

करोड़ों के कीर्ति धनी की छतरी – जोधपुर

ब्राह्मण देवता की छतरी – जोधपुर

कागा की छतरी – जोधपुर

राजाओं का देवल मण्डोर – जोधपुर

पंच कुण्ड छतरी – जोधपुर
‣ यह जोधपुर की महारानियों की छतरियां है।

बीकानेर की छतरियां –

महाराजा गंगा सिंह की छतरी – बीकानेर

देव कुण्ड की छतरी – बीकानेर
‣ यह रिड़मलसर ( बीकानेर ) में स्थित है।

बीकाजी की छतरी – बीकानेर

राव कल्याणमल की छतरी – बीकानेर

सार्दुल सिंह की छतरियां – बीकानेर

जैसलमेर की छतरियां –

बड़ा बाग की छतरी – जैसलमेर
‣ यह जैसलमेर में स्थित है।
‣ यहां पर भाटी शासकों की छतरियां स्थित है।

पालीवालों आई छतरी – जैसलमेर

बूंदी की छतरियां –

84 खम्बो की छतरी – बूंदी

केसर बाग की छतरी – बूंदी
‣ यहां पर बूंदी के राजवंशों की छतरी है।

अलवर की छतरियां –

मुसी महारानी की छतरी / 80 खम्भो की छतरी – अलवर
‣ यह मुसीरानी की छतरी है। जो महाराणा बख्तावर सिंह की पासवान रानी थी।
‣ यह रानी बख्तावर सिंह की मत्यु पर सती हुवी थी। जिसकी याद में विनय सिंह ने खंभो की छतरी बनावायी थी।
‣ यह छतरी दो मंजिला है जिस पर महाभारत और रामायण के भित्ति चित्र है।

राजा बख्तावर सिंह की छतरी – अलवर

नैडा की छतरी – अलवर

फतेह गुम्बद की छतरी – अलवर

टहला की छतरियां –

राजसमंद की छतरियां –

12 खंभों की छतरी – राजसमंद
‣ यह कुंभलगढ दुर्ग, में स्थित है।
‣ यह छतरी उड़ना राजकुमार पृथ्वीराज सिसोदिया की है।

चेतक की छतरी हालदीघाट – राजसमंद

कुंवर पृथ्वीराज की छतरी – कुंभलगढ दुर्ग में (राजसमंद)

नागौर की छतरियां –

लाछा गुजरी की छतरी – नागौर

16 खंभों की छतरी – नागौर
‣ यह नागौर दुर्ग में स्थित है।
‣ यह अमर सिंह राठौर की छतरी है।

सवाई माधोपुर की छतरियां –

एक खंभे की छतरी – सवाई माधोपुर

32 खंभों की छतरी – सवाई माधोपुर
‣ यह रणथंभौर, सवाई माधोपुर में स्थित है।
‣ इस छतरी का निर्माण हम्मीर देव चौहान ने अपने पिता जैत्रसिंह के 32 वर्ष के शासनकाल की याद में करवाया था।
‣ इस छतरी में बैठकर हम्मीर देव चौहान न्याय करते थे । जिस कारण से इसे न्याय की छतरी भी कहा जाता है।

कुत्ते की छतरी – सवाई माधोपुर
नोट – यह छतरी रणथंभोर दुर्ग कुक्कराज की घाटी में स्थित है।

झुंझुनूं की छतरियां –

जोगीदास की छतरी – झुंझुनूं

राव शेखा की छतरी – झुंझुनूं

उदयपुर की छतरियां –

8 खंभों की छतरी – उदयपुर
‣ यह बांडोली उदयपुर में स्थित है।
‣ यह महाराना प्रताप की छतरी है।
‣ इस छतरी का निर्माण अमर सिंह प्रथम ने केजड़ बांध पर करवाया था।

आहड़ की छतरियां – उदयपुर

बाण्डोली की छतरी – उदयपुर

बाबा गफुर की मजार – उदयपुर

भीलवाड़ा की छतरियां –

गंगा बाई की छतरी – भीलवाड़ा

अमर गढ़ की छतरी – भीलवाड़ा

राणा सांगा की 8 खंभों की छतरी – भीलवाड़ा
‣ यह महाराणा सांगा की छतरी है, जिसका निर्माण जगनेर ( भरतपुर ) के अशोक परमार ने करवाया था ।

32 खंभों की छतरी – मांडलगढ़ ( भीलवाड़ा )
‣ यह जगन्नाथ कछवाह की छतरी है।
‣ जिसमे हिन्दू मुस्लिम शैली की प्रयोग किया गया है।

चित्तौड़गढ़ की छतरियां –

रैदास की 8 खंभों की छतरी – चित्तौड़गढ़

जयमल राठौर व कल्ला जी राठौड़ की छतरी – चित्तौड़गढ़

रावजी की 8 खंभों की छतरी – चित्तौड़गढ़

पीपाली की छतरी – चित्तौड़गढ़

कोटा की छतरियां –

क्षार बाग की छतरी –
‣ यह कोटा में स्थित है।
‣ यहां पर हाड़ा शासकों की छतरियां स्थित है।

पीपा जी की छतरी – कोटा

छात्र विलास की छतरी – कोटा
‣ यह कोटा के राजवंश की छतरियां है।

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