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संभववाद क्या है ?
संभव वाद एक विचारधारा है, इस विचारधारा के अनुसार मानव प्रकृति का स्वामी है और वह प्रकृति को जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल कर सकता है ।
दुसरे शब्दों में मानव ने प्रकर्ति से प्राप्त संसाधनों से अपनी बुद्धि कौशल से अनेक संसाधनों का विकास किया है। मानव ने प्राकृतिक तत्वों को संभावित संसाधनों के रूप में बदला अर्थात प्रकर्ति पर मानव प्रयासों की सफलता को संभववाद कहा जाता है।
Sambhav vad kya hai in hindi
- विडोल डी. ब्लोश के अनुसार “प्राकृतिक वातावरण में अनेक संभावनाएं विद्यमान रहती हैं तथा इन संभावनाओं का उपयोग पूर्णतः मानवीय चयन पर निर्भर करता है।
- मनुष्य शक्तियों को प्रर्यावरण नियन्त्रण नहीं करता, अपितु प्रभाव डाल सकता है- इसके अनुसार पर्यावरण के द्वारा कुछ सम्भावनाएँ प्रस्तुत की जाती है-और मनुष्य अपनी हॉट (Choice) द्वारा उनका उपभोग कर सकता है।
- सम्भववाद की विचारधारा का जन्म एवं विकास “फ्रांस” में हुआ है.
- सम्भववाद के जन्मदात्ता ” विडाल डी ला ब्लाश” थे-
- संम्भववाद शब्द का सर्वप्रथम प्रभोग” ला फेब्रे” ने किया था –
- फेब्रे सम्भववाद व्याख्या इतिहास की भौगोलिक भूमिका में किया
- फेब्रे मानव का पर्यावरण में वही महत्त्व है-जो जलवायु, वनस्पति, मृदा, आदि का होता है.
- मनूष्य सर्वत्र विद्यमान सम्भावनाओं का स्वामी है- जिनसे वह अपनी आवश्यक सम्भावना का चमन अपनी कुशाग्र बुद्धि से करता है।
- कही कोई अनिवार्यता नहीं सर्वत्र सम्भावनाएँ हैं- जो मनुष्य इन सम्भावनाओं का स्थायी होता है –
- ब्लाश – प्रकृति मात्र एक परामर्शदात्री के रूप में हैं- मनूष्य प्रकृति के परामर्श को मानने के लिए बाध्य नहीं है.