You can find notes,question and quiz on various topic in Hindi. India Gk. Notes

सिन्धु घाटी सभ्यता PDF | सिन्धु घाटी सभ्यता की विशेषता

✦ यह विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है

✦ 1826 – चार्ल्स मेसन ने सर्वप्रथम इस पर प्रकाश डाला

✦ 1853 – अलेक्जेंडर कनिंघम ने हड़प्पा का सर्वे किया

✦ 1856 – जॉन बर्टन एवं विलियम बर्टन लाहौर से कराँची के मध्य रेलवे लाइन बिछा रहे थे एवं उन्होंने अनजाने में हड़प्पा की ईंटों का प्रयोग किया।

✦ 1856 – अलेक्जेंडर कनिंघम ने दूसरी बार हड़प्पा का सर्वे किया।

✦ 1861- भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) की स्थापना

✦ गवर्नर जनरल लाई केनिंग के समय, अलेक्जेंडर कनिंघम को ASI का जनक कहलाता है।

✦ 1921 सर जॉन मार्शल ने दयाराम साहनी को उत्खनन करने हेतु नियुक्त किया।

✦ हड़प्पा में 1922- सर जॉन मार्शल ने राखालदास बनर्जी को मोहनजोदड़ो का उत्खननकर्ता नियुक्त किया

✦ 1924 सर जॉन मार्शल ने सिन्धु घाटी सभ्यता / हड़प्पा सभ्यता की घोषणा की।

✦ इतिहासकार पीग्गट ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो को सिन्धु घाटी सभ्यता की जुड़वाँ राजधानी कहा है।

विस्तार

✦ यह विश्व की सबसे बड़ी सभ्यता है।

✦ यह लगभग 13 लाख km² क्षेत्र में फैली हुई है।

✦ यह भारत, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में फैली हुई है।

✦ यह त्रिभुजाकार सभ्यता है।

✦ यह कांस्ययुगीन सभ्यता है

✦ मांडा (कश्मीर) चिनाब नदी

✦ दास्क नदी सुत्कागेडोर- (बलू‌चिस्तान)

✦ आलमगीर (UP) हिण्डन नदीं

✦दैमाबाद (MH) प्रवरा नदी

काल : –

✦ समय का निर्धारण C-14 पद्धति से किया जाता है।

✦ 2600-1900 BC नई NCERT के अनुसार

✦ 2350-1750 BC→ पुरानी NCERT के अनुसार

✦ 3250-2750 BC→ सारगौन अभिलेख के अनुसार (म. एराशया)

स्थल :-

1. हडप्पा :-

✦ स्थिति = मोंटगोमरी जिला ( Pak.)

✦ वर्तमान में शाहीवाल जिले में है।

✦ रावी नदी के तट पर

✦ उत्खनन कर्ता = दयाराम साहनी

(i) R-37 कब्रिस्तान

(ii) विदेशी की कब्र

(iii) इक्का गाड़ी

(iv) श्रृंगार पेटिका

(V) स्वास्तिक का निशान

(vi) नदी के तट पर 12 अन्नागार मिलते हैं जो दो लाइनों में है।

(vii) पास में अनाज साफ करने का चबूतरा मिलता है।

(viii) पास में श्रमिक आवास भी मिलते हैं।

2. मोहन जोदडो :-

✦ स्थिति = लरकाना (सिन्ध, Pak.)
✦ सिन्धु नदी के तट पर उत्खननकर्ता राखालदास बनर्जी = मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ = मृतकों का टीला (सिन्धी भाषा)

(ⅰ) विशाल स्नानागार mains

(a) आकार : – 39 X 23 X 8 ft

(b) इसके उत्तर व दक्षिण में सीढ़ियाँ बनी हुई है

(C) इसमें बिटुमिनस का लेप किया गया है।

(d) इसके उत्तर दिशा में 6 वस्त्र बदलने के कक्ष है।

(e) तीन तरफ बरामदे है।

(f) बरामदे के पीछे कई कक्ष बने हुए हैं।

(g) जलापूर्ति हेतु कुँआ भी बना हुआ है।

(b) सीढ़ियों के साक्ष्य भी मिलते हैं।

(i) प्रथम तल पर सम्भवतया पुरोहित रहते होंगे।

(j) सम्भवतया यहाँ धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता रहा होगा

(k) सर जॉन मार्शल ने इसे तात्कालिक समय की आश्चर्यजनक इमारत कहा है।

(ⅱ) विशाल अन्नागार

(iii) महाविद्यालय के साक्ष्य

(iv) सूती कपड़े के साक्ष्य

(V) ‘हाथी का कपालखण्ड

(vi) नर्तकी की मूर्ति जो धातु की बनी हुई है।

(a) यह नग्न है।

(b) इसने एक रहाथ में चूड़ियाँ पहन रखी है।

(vii) पुरोहित राजा की मूर्ति जो ध्यान की अवस्था में है।

(a) इसने शॉल ओढ़ रखी है जिस पर कशीदाकारी का कार्य किया गया है।

(viii) यहाँ से मेसोपोटामिया की मुहर मिलती है।

3. लोथल : –

✦ स्थिति = गुजरात

✦ भोगवा नदी के किनारे

✦ उत्खननकर्ता = SR. राव (रंगनाथ राव )

✦ यह एक व्यापारिक नगर था ।

✦ यहाँ से गोदीवाड़ा (Dockyard) मिलता है।

(a) यह सिन्धु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी कृति है।

(ii) मनके (Bead) बनाने का कारखाना

(iii) चावल के साक्ष्य

(iv) ‘फारस की मुहर जो गोलाकार बटननुमा है।

(v) घोड़े की मृण्मूर्तियाँ

(((vi) चक्की के दो पाट

((vii) घरों के दरवाजे मुख्य मार्ग पर खुलते हैं [ एकमात्र ]

4. धौलावीरा :-

✦ स्थिति = गुजरात

✦ उत्खननकर्ता = रवीन्द्र सिंह बिष्ट

✦ यह शहर किसी नदी के किनारे स्थित नहीं है।

✦ यह शहर तीन भागों में विभाजित है:-

( i ) पूर्व
( ii ) मध्य
( iii ) पश्चिम

(ⅰ) यहाँ से 16 कृत्रिम जलाशय मिलते हैं। 

मूर्तियाँ एवं मुहरें :-

यहाँ से 3 तरह की मूर्तियाँ मिलती हैं-

1. धातु की

2. पत्थर की

3. मिट्टी की (टेराकोटा).

✦ मोहनजोदड़ों से नर्तकी की मूर्ति (धातु की)

✦ दैमाबाद से धातु का रथ मोहनजोदड़ो से पत्थर की पुरोहित राजा की मूर्ति टेराकोटा की मातृदेवियों की मूर्तियाँ ज्यादातर मुंहरें शैलखड़ी की बनी हुई है।

✦ ज्यादातार मुहरें चौकोर हुआ करती थी ।

✦ मुहरें वस्तुओं की गुणवत्ता एवं व्यक्ति की पहचान की द्योतक होती थी।

(ⅰ) मुहरों पर एकसिंगा (एकश्रृंगी सबसे ज्यादा)

मोहनजोदड़ो व हड़प्पा से बड़ी मात्रा में मुहरें प्राप्त होती है।

(ii) कूबड़ वाला सांड के चित्र

सिन्धु घाटी सभ्यता के पतन के कारण :-

1. के गार्डन चाइल्ड व मार्टीमर व्हीलर के अनुसार – आर्यो का आक्रमण

2. S.R. राव, सर जॉन मार्शल व मैके के अनुसार – बाढ़

3. सर जॉन मार्शल के अनुसार – प्रशासनिक शिथिलता

4. अमलानन्द घोष के अनुसार – जलवायु परिवर्तन

5. U.R. केनेडी के अनुसार – प्राकृतिक आपदा

6. माद्योस्वरूप वत्स के अनुसार – नदियों ने अपना रुख बदल दिया

निष्कर्ष – इतनी विशाल सभ्यता के पतन के लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार / उत्तरदायी रहे होंगें।

✦ कालीबंगा, राखीगढ़ी, धौलावीरा CHRI – पूर्व हड्‌याकालीन स्थल

✦ रंगपुर, रोजदी – उत्तर हड़प्पा कालीन स्थल

Share your love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *