You can find notes,question and quiz on various topic in Hindi. India Gk. Notes

राज्यपाल

राज्यपाल – दोस्तों आज हम इस पोस्ट में राज्यपाल के संवैधानिक प्रावधान, राज्यपाल राज्य संबंधों में महत्वपूर्ण बिंदु, राज्यपाल की नियुक्ति,राज्यपाल की कार्य एवं शक्तियां तथा विधानसभा से सम्बन्धित आर्टिकल और यहां पर राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों का वर्णन के बारे में भी चर्चा करेंगे। यदि आप भी किसी government exams की तैयारी कर रहे है तो हमारी वेबसाइट पर आप बिल्कल free में नोट्स पढ़ सकते हो। राजस्थान में सरकार द्वारा आयोजित सभी प्रकार के एग्जाम में यहां से प्रश्न पूछे जाते है। यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यहां पर आपको राजस्थान के सभी टॉपिक्स के नोट्स उपलब्ध करवाए जा रहे। इन टॉपिक को पढ़कर आप अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते है।

राज्य का संवैधानिक एवं कार्यपालिका का प्रमुख राज्यपाल होता है।

संविधान के छठे भाग में अनुच्छेद 153 से 167 तक राज्य कार्यपालिका से सम्बन्धित प्रावधान दिए गए है।

राज्य की कार्यपालिका में राज्यपाल, मंत्रिपरिषद, मुख्यमंत्री और राज्य का महाधिवक्ता शामिल होते है।

राज्य की समस्त कार्यपालिका व विधायी शक्तियां अनुच्छेद 154 के तहत् राज्यपाल में निहित होती है।

राज्यपाल राज्य का प्रथम नागरिक होता है।

राष्ट्रीय स्तर पर जिस प्रकार राष्ट्रपति का पद होता है, उसी प्रकार राज्य स्तर पर राज्यपाल सरकार का मुखिया होता है।

राज्यपाल से सम्बन्धित अनुच्छेद – 

राज्य की कार्यपालिका से संबंधित प्रावधान संविधान के छठे के अनुच्छेद 153 से 167 तक में दिए गए है।

अनुच्छेद 153 :- 

‣ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 के अन्तर्गत प्रत्येक राज्य में एक राज्यपाल होगा।

नोट – संविधान के सातवें संशोधन 1956 के द्वारा अनुच्छेद 153 में संशोधन किया गया की एक व्यक्ति से एक से अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है।

अनुच्छेद 154 :-

‣ अनुच्छेद 154 के तहत् राज्य की समस्त कार्यपालिका और विधायी शक्तियाँ राज्यपाल में निहित होती है तथा है राज्यपाल इसका उपयोग अपने अधिनस्थों के माध्यम से करेगा।

अनुच्छेद 155 :-

नियुक्ति – राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।

‣ राज्यपाल का चयन संघ सरकार द्वारा किया जाता है।

‣ हमारे संविधान में राज्यपाल की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया कनाडा के संविधान से ली गई है।

अनुच्छेद 156 (क)  :- 

कार्यकाल – अनुच्छेद 156 के अनुसार राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपने पद पर बना रह सकता है।

‣ राष्ट्रपति के द्वारा राज्यपाल को कभी भी पद मुक्त किया जा सकता है।

‣ राज्यपाल का सामान्यत कार्यकाल वर्ष का होता है, परन्तु अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह अपने पद पर बना रह सकता है, जब तक किसी अन्य व्यक्ति को राज्यपाल नियुक्ति एन कर दिया जाये व उस नव – नियुक्ति राज्यपाल ने पद भर ग्रहण न कर लिया हो।

‣ राज्यपाल राष्ट्रीय पति को अपना त्यागपत्र देगा।

अनुच्छेद 156 (ख) :-

त्यागपत्र – राज्यपाल अपने कार्यकाल की समाप्ति से पूर्व राष्ट्रीपति को संबोधित कर अपना लिखित व हस्ताक्षरित त्यागपत्र प्रेषित कर पदमुक्त हो सकता है।

अनुच्छेद 157 :-

राज्यपाल की योग्यताएँ – वह भरता का नागरिक हो।

‣ 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो।

‣ वह संबंधित राज्य का नागरिक या स्थाई निवासी नहीं होना चाहिए।

अनुच्छेद 158 :-

‣ वह संसद या राज्य विधायिका का सदस्य नही होना चाहिए।

‣ वह सरकार में किसी लाभ के पद पर नियुक्त न हो।

अनुच्छेद 159 :-

शपथ – राज्यपाल को उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश शपथ दिलाता है।

राज्यपाल की कार्य एवं शक्तियां – 

1. कार्यपालिका शक्तियाँ

2. विधायी शक्तियाँ

3. न्यायिक शक्तियाँ

4. वित्तीय सक्तियाँ

5. स्वविवेकिय सक्तियाँ

1. कार्यपालिका शक्तियाँ – 
‣ अनुच्छेद 154 के अनुसार राज्य की समस्त कार्यकारी शक्तियाँ राज्यपाल में निहित होती है।

‣ राज्यपाल राज्य सरकार की कार्यपालिका प्रधान होता है। राज्यपाल राज्य सरकार का समस्त कार्य राज्यपाल के नाम से किया जाता है।

‣ मुख्यमंत्री राज्य की शासन व्यवस्था से समय – समय पर राज्यपाल को अवगत कराता है।

‣ अनुच्छेद 164 के तहत् राज्यपाल मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है व उसकी सलाह से मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है, उन सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है तथा मुख्यमंत्री के परामर्शानुसार उनके मध्य कार्य का विभाजन करता है।

‣ उसके प्रतिवेतन के आधार पर अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागया जाता है इस स्थिति में राज्यपाल संघ के अभिकर्ता के रूप में कार्य करता है। इसे राज्यपालकी आपातकालीन शक्तियां भी कहा जा सकता है।

2. विधायी शक्तियाँ – 
‣ अनुच्छेद 168 के अनुसार राज्यपाल व्यवस्थापिका का अभिन्न अंग व प्रमुख होता है।

‣ अनुच्छेद 333 के अंतर्गत राज्य विधानसभा में राज्य के आंग्ल भारतीय समुदाय के सदस्यों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो तो उस समुदाय के एक सदस्य केपी विधानसभा में मनोनीत कर सकता है।

‣ यदि राज्य विधान परिषद् भी विद्यमान हो तो राज्यपाल को अनुच्छेद 171 के तहत् विधानपरिषद् के कुल सदस्यों का 1/6 भाग के बराबर सदस्यों के रूप

महत्वपूर्ण बिन्दु

‣ राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है –  5 वर्ष
‣ राज्य सरकार को भंग कौन कर सकता है – राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति
‣ किसी राज्य की कार्यपालिका की शक्ति किसमें निहित होती है – राज्यपाल में
‣ राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है – राष्ट्रपति
‣ किस व्यक्ति को हटाने का प्रावधान संविधान में नहीं है – राज्यपाल को
‣ राज्यपाल का वेतन-भत्ता किस कोष से आता है – राज्य की संचित निधि द्वारा
‣ राज्य सरकार का संवैधानिक प्रमुख कौन होता है – राज्यपाल
‣ राज्यपाल अपना त्यागपत्र किसे देता है – राष्ट्रपति को
‣ राष्ट्रपति शासन में राज्य का संचालन कौन करता है – राज्यपाल
‣ कौन व्यक्ति राष्ट्रपति की इच्छानुसार अपने पद पर बना रहता है – राज्यपाल
‣ राज्यपाल पद हेतु न्यूनतम आयु कितनी होती है – 35 वर्ष
‣ राज्यपाल विधानसभा में कितने आंग्ल-भारतीयों की नियुक्ति कर सकता है – एक
‣ भारत की पहली महिला राज्यपाल कौन थी – सरोजनी नायडू
‘‣ राज्यपाल सोने के पिंजरे में निवास करने वाली चिड़िया के समान है’ ये शब्द किसके हैं – सरोजनी नायडू
‣ किसकी अनुमति के बिना राज्य की विधानसभा में कोई धन विधेयक पास नहीं होता है – राज्यपाल
‣ राज्यपाल द्वारा जारी किया गया अध्यादेश किसके द्वारा मंजूर किया जाता है – विधानमंडल द्वारा
‣ राज्य सरकार को कौन भंग कर सकता है – राज्यपाल
‣ राज्यपाल की मुख्य भूमिका क्या है – केंद्र व राय के मध्य की कड़ी
‣ किसी राज्य के राज्यपाल को शपथ ग्रहण कौन कराता है – उस राज्य का मुख्य न्यायाधीश
‣ किस राज्य में राष्ट्रपति शासन के अलावा राज्यपाल शासन भी लागू किया जा सकता है – जम्मू-कश्मीर
‣ भारत के किस राज्य में प्रथम महिला राज्यपाल बनीं – उत्तर प्रदेश
‣ जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य में अधिकतम कितने समय के लिए राज्यपाल शासन ‣ ‣ ‣ लगाया जा सकता है – 6 माह
‣ जम्मू-कश्मीर का ‘सदर-ए-रियासत’ पद नाम बदलकर कब राज्यपाल कर दिया गया – 1965 में
‣ राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है – राज्यपाल
‣ कलराज मिश्र को शामिल करते हुए अब तक राजस्थान में 24 पूर्ण कालिक राज्यपाल नियुक्त किये जा चुके है ।
‣ 7 राज्यपालों ने अतिरिक्त कार्यभार लेते हुए काम किया है ।
‣ पद पर रहते हुए 4 राज्यपालों की हुई जिनमे से 3 राज्यपाल की मृत्यु 2004 से 2010 के बीच हुई। 
1. दरबारा सिंह -1998
2. निर्मल चंद जैन – 2003
3. शीलेन्द्र कुमार सिंह – 2009
4. प्रभा राव – 2010
‣ 1967 के बाद कल्याण सिंह एकमात्र राज्यपाल है जिन्होंने कार्यकाल पूर्ण किया ।
‣ सर्वाधिक समय राज्यपाल – गुरुमुख निहाल सिंह 
‣ राज्य के प्रथम कार्यवाहक राज्यपाल – जगत नारायण 
‣ तीन महिलाएं राज्यपाल बनी , पहली प्रतिभा पाटिल 
1. प्रतिभा पाटिल 2004-2007 
2. प्रभा राव – 2010 
3. मार्गरेट अल्वा

Share your love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *