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शाहपुरा जिला दर्शन | Rajasthan Ka hahpura Jila pdf

4. जिला:- शाहपुरा

शाहपुरा आते के अन्तर्गत 6 तहसील व 5 उपखंड है

6 तहसील के नाम:

  1. शाहपुरा
  2. जहाजपुर
  3. काछौला
  4. बनेश
  5. फूलियाकला
  6. कोटड़ी

संस्थापक :- 1631 ई. में शाहजहाँ द्वारा सुजानसिंह को संस्थापक बनाया गया। इसका नामकरण शाहजहाँ के नाम पर हुआ।

मेवाड़ महारावा संग्राम सिंह II ने 1717 ई. में 23 गाँव शाहपुरा रियासत को दिये ।

इन्होंने उदयपुर में सहेलियों की बावड़ी बनवायी थी व वेद्यनाथ प्रशस्ति (1719) लिखि थी।

शाहपुरा :

शाहपुरा प्रजामंडल : शाहपुरा प्रजामंडल की स्थापना 1938 ई. में हुई थी।
संस्थापक- रमेश चंद्र ओझा व लादूराम व्यास।

हुरड़ा सम्मेलन: शाहपुरा रियासत के हुरड़ा नामक स्थान पर 17 जुलाई 1434 को हुरड़ा सम्मेलन हुआ था।.

यह सम्मेलन सवाई जयसिंह द्वारा मराठों से बचने के उद्देश्य से बुलाया गया था।

अध्यक्षता – मेवाड़ महाराणा जगत सिंहता II द्वारा।

शाहपुरा एकीकरण के द्वितीय चरण (25 मार्च 1948) में शामिल हुआ।

शाहपुरा रियासत सबसे छोटी व सबसे कम जनसंख्या (16,000) वाली रियासत थी।

शाहपुरा सबसे पहले उत्तरदायी शासन स्थापित करने वाली शासन थी। शाहपुरा रियासत में उत्तरदायी शासन की स्थापना 14 August 1947 ई को सुदर्शन देव द्वारा की गई।

गोकुल लाल असावा के नेतृत्व में शाहपुरा में राजस्थान की पहली लोकप्रिय सरकार बनी।

यहाँ केसरी सिंह बारहठ की हवेली भी है।

रामस्नेही सम्प्रदाय :- यहाँ रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रधान पीठ है। इसके संस्थापक संत रामचरण थे। इनकी पीठ रामद्वारा कहलाती है। ये गुलाबी रंग वस्त्र धारण करते है।
चैत्र कृष्ण एकम से पंचमी तक यहाँ मेला लगता जाना है, जो फूलडोल मेला के नाम से जाता जाता है।

कड़कला :- शाहपुरा फड़कला के सुप्रसिद्ध है। फड़ कला में कपड़ो पर देवी-देवता का चित्रण किया जाता है।

प्रसिद्ध कलाकार :- श्री लाल जोशी व पार्वती जोशी
इसके अन्तर्राष्ट्रीय पहचान गौतली देवी ने दिलाई।

प्रमुख सागर : नाहर सागर, उम्मेद सागर, कमल सागर।

बांध :- शाहपुरा में मान्शी नदी पर अडवाना बांध बना हैं।

बावड़ी :- चिमना बावड़ी व चौखी बावड़ी (शाहपुरा)

महल :- सरदार निवास महल ( बनेड़ा, शाहपुरा)

धानेश्वर जो कि छोटा पुष्कर के नाम से जाना जाता है, वह शाहपुरा में ही है।

देवखेड़ा गाँव ( शाहपुरा) :

केसरीसिंह बारहठ का जन्म देव खेड़ा में ही हुआ धा 1

रचना:
1) चेतावनी रा चुटया -13 सोरठे (डिंगल भाषा’
2) प्रताप चरित
3) रूठी रानी
4) दुर्गादास चरित

प्रसिद्ध बारहठ परिवार शाहपुरा से ही संबंधित हैं।

जहाजपुर:-
यहाँ महाभारत कालीन अवशेष मिले हैं।
यहाँ यूरेनियम व अभ्रक के भंडार भी है।
जहाजपुर में बारह देवरा मंदिर व शिलालेख भी स्थित है।
गेबी पीर की मस्जिद भी यहाँ स्थित हैं।
जैन तीर्थंकर मुनि सुव्रतनाथ का जहाज मंदिर भी यहाँ स्थित है।
जहाजपुर में जहाजपुर किला भी है, जिसे अशोक के पौत्र सम्प्रति ने बनाया था।
पुनः निर्माणः महाराणा कुम्मा

फूलियाकला : यहाँ अभ्रक के भण्डार पाये जाते हैं।

बनेड़ा
बनेडा दुर्ग : यह गुहिलों का ठिकाना हुआ करता था।

इस दुर्ग शाहपुरा का खजुराहों भी कहते हैं।

कोटड़ी : कोठारी नदी नन्दराय ( कोटड़ी. शाहपुरा) से ही बनास नदी में मिलती है।

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